बद्दी अस्पताल में डायलिसिस जल्द

बद्दी – औद्योगिक कस्बे बद्दी स्थित ईएसआईसी अस्पताल में जल्द ही आईसीयू और डायलिसिस सुविधा शुरू करने के प्रयास चल रहे है। आईसीयू और डायलासिज के लिए मेडिकल कमिशनर और डायरेक्टर जरनल को लिख कर इसकी स्वीकृति मांगी गई है। हालांकि ईएसआईसी प्रबंधन ने इसे पीपीपी मोड पर भी चलाने के प्रयास जारी रखे हुए हैं। ईएसआईसी अस्पताल बद्दी की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र में रोजाना 800 से अधिक मरीज उपचार के लिए अस्पताल पहुंचते हैं। औद्योगिक आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ईएसआईसी निगम की है, जिसके लिए वह जल्द ही अस्पताल में शेष रही सुविधाआंे को भी उपलब्ध करवा रहे हैं।  ईएसआईसी बद्दी की एमएस सुरिंद्र कौर ने बताया कि 24 फरवरी, 1952 से लगातार ईएसआईसी प्रबंधन कामगारों के हितों और स्वास्थ्य की रक्षा कर रहा है और आज देशभर में ईएसआईसी के अस्पतालों से हजारों कामगारों का विश्वास जुड़ा है। उन्होंने कहा कि पंजीकृत व्यक्ति की बीमारी से सुरक्षा, उसके परिवार की रक्षा, बिना कैश के उनकी सुरक्षा, शरीर के किसी भाग के कटने से उसकी सुरक्षा, पुर्णतया अपंग होने पर व्यक्ति का उम्र भर साथ निभाने का वादा, डिपेंडेंट बैनाफिट, मैटरनिटी बैनाफिट में ईएसआईसी मरीजों के साथ कंधे से कंधे मिलाए खड़ा है। सुरिंद्र कौर ने बातचीत में बताया कि ईएसआई ने एक और सराहनीय कदम उठाते हुए देश के हर प्रांत में अपने अस्पतालों जाल बिछाया और हर कामगार की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाते हुए उन्हें सुविधा प्रदान कर रहा है। इसके बाद ईएसआईसी निगम ने देशभर के सरकारी अस्पतालों से बेहतर सुविधाएं देने का वायदा किया है। वर्ष 2005 के बाद अनेकों ऐसे बदलाव आए हैं, जिन्हांेने कामगारों का जीवन ही बदल डाला है। उन्होंने कहा कि कामगारों को उद्योगों से अवकाश कम मिलता है, ऐसे में ईएसआईसी प्रबंधन कामगारों की मजबूरियों को समझते हुए उन्हें विशेष ओपीडी में उपचार देता है। इसके अलावा स्पैशल ओपीडी सर्विसिज वरिष्ठ नागरिकों के लिए तैयार की गई हैं। इसके अलावा शारीरिक अपंगलोगों के लिए अलग ओपीडी भी स्थापित की गई है।