बबखाल पुल… दस साल से काम क्यों नहीं

बिलासपुर —  श्रीनयनादेवी और झंडूता विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले बबखाल पुल का निर्माण कांग्रेस और भाजपा की खींचतान का शिकार हुआ है, लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार ने विरोधी दलों द्वारा पुल निर्माण को लेकर की जा रही बयानबाजियों पर विराम लगा दिया है। लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का हवाला देते हुए अब उच्च न्यायालय ने भी सरकार को बबखाल पुल को एक वर्ष की अवधि के भीतर पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। वहीं सरकार ने एक बार फिर से पुल निर्माण का कार्य गेमन इंडिया कंपनी के हवाले कर दिया है। गौर हो बबखाल पुल का शिलान्यास मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वर्ष 2005-06 में किया था। उस समय पुल की लागत 23 करोड़ रखी गई थी। बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष व तत्कालीन कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे रामलाल ठाकुर ने इस पुल की डीपीआर तैयार करवाई थी। सत्ता परिवर्तन के बाद पुल का निर्माण कार्य फिर से खटाई में पड़ गया, लेकिन कांग्रेस के फिर से सत्ता में आने के बाद निर्माण कार्य फिर शुरू कर दिया गया।  इस बार भी विडंबना यह रही कि पुल निर्माण में लगी गेमन इंडिया कंपनी द्वारा भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए कार्य बीच में ही छोेड़ दिया गया।

बजट जारी

जानकारी के अनुसार पुल के ऊपरी हिस्से पर 23 करोड़ की अनुमानित राशि की लागत का अनुमान है। वहीं अब वीरभद्र सरकार ने पुल की फाउंडेशन की मजबूती के लिए 16 करोड़ 65 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया है। इस पुल का आधार अब करीब 120 मीटर और नीचे जाएगा तब जाकर यह पुल जल्द से जल्द तैयार होगा।

गेमन इंडिया पूरा करेगी काम

28 दिसंबर 2016 को इस पुल को बनाने के लिए गेमन इंडिया कंपनी के साथ दोबारा से अनुबंध किया गया है। उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत पुल का एक वर्ष की अवधि के भीतर तैयार किए जाने के निर्देश सरकार को दिए गए हैं।