मनरेगा में केंद्र सरकार ने दिए 10 करोड़

देनदारियां निपटाने के लिए जारी की राशि, चाहिए थे 26.69 करोड़ रुपए

शिमला— महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में देनदारियां निपटाने को केंद्र सरकार ने प्रदेश को 10 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। हालांकि प्रदेश पर मैटीरियल कंपोनेंट की देनदारी 26.69 करोड़ रुपए है, जिसमें से 10 करोड़ की राशि देने पर 16.69 करोड़ की राशि शेष बच जाएगी। कई महीने से प्रदेश इसकी पूरी राशि जारी करने की मांग कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा बार-बार लगाई जा रही शर्तों के कारण उसे पूरा पैसा नहीं मिल पा रहा है। अभी भी केंद्र की तरफ से जो राशि मिली है, वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। क्योंकि मैटीरियल का पैसा प्रदेश सरकार देती है और केंद्र सरकार उसे ही यह पैसा जारी करती है, लिहाजा सरकार इस राशि को लेने के लिए प्रयास कर रही है। मजदूरी का वेतन अब केंद्र सरकार सीधे प्रदान करती है, जिसके लिए हाल ही में 100 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। ऐसे में मैटीरियल कंपोनेंट में ठेकेदारों से जो सामान लिया गया है, उसके पैसे की अदायगी नहीं हो सकी है। इस काम में लगे ठेकेदार लगातार सरकार से मामले को उठा रहे हैं। अब केंद्र की तरफ से 10 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है, जिसे किस्तों के आधार पर ठेकेदारों को दिया जाएगा, ताकि आगे भी वह मैटीरियल सुचारू रख सकें। बताया जाता है कि इनके  द्वारा दिए गए सामान से हुए कार्यों के यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट, जो कि 26 करोड़ से ज्यादा के हैं, वे केंद्र सरकार को भेज दिए गए हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा सोशल आडिट की शर्त रखी है, जो अभी पूरी तरह से अंजाम नहीं दिया जा सका है। ऐसे में वहां से पैसा जारी नहीं हो रहा है, जिससे यहां मनरेगा के कार्य आने वाले दिनों में रुक सकते हैं।

केंद्र सरकार को जाएगी रिपोर्ट

पंचायती राज मंत्री ने शुक्रवार को जहां आला अधिकारियों के साथ योजना पर विस्तृत चर्चा की, वहीं शनिवार को विभाग के निदेशक ने जिलाधीशों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए योजना का हाल जाना। उन्होंने सभी जिलों की रिपोर्ट ली और जहां पर टारगेट पूरे नहीं किए गए हैं, वहां पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं। इस रिपोर्ट को सरकार को भेजा जाएगा।