मेले के तीसरे दिन खूब उमड़ी भीड़

नालागढ़ —  हंडूर रियासत के राजा रामशरण के समय से करीब 300 सालों से मनाए जा रहे ऐतिहासिक पीरस्थान लोहड़ी मेले के तीसरे दिन रविवार को भारी संख्या में भीड़ उमड़ी। एक ओर संडे अवकाश, वहीं दूसरी ओर सभ्यचारक मेले का आयोजन किया गया था, जिससे मेले में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हंडूर रियासतकाल से मनाए जाने वाले इस मेले में झूले, चंडोल आदि के अलावा यहां जादू दिखाने के करतब, मौत का कुआं आदि भी इसकी शोभा बढ़ा रहे है, जिसका लोगों सहित बच्चे खूब लुत्फ उठाने में मशगूल रहे। पीरस्थान स्थित लखदाता लाला वाले पीर की प्राचीन दरगाह पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने यहां आते हैं। लखदाता पीर के नाम से ही इस स्थान का नाम पीरस्थान पड़ा है और यह मेला दून व नालागढ़ विस क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला होता है और इस मेले में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ आदि के लोग यहां आते है। दंतकथाओं के मुताबिक महिलाएं बच्चों की खुशहाली के लिए जंदड़े (ताले) खुलवाने के लिए सुखना करती है। मन्नत पूरी होने पर लोहड़ी वाले दिन महिलाओं द्वारा तीन, पांच या सात बार जंदड़ा (ताला) खोला व लगाया जाता है। यहां पहले ऊंटों की दौड़ की प्रतियोगिताएं आयोजित होती थी, जो धीरे-धीरे समय के अंतराल में समाप्त होती चली गई। मेले के उपलक्ष्य में स्थानीय किरपालपुर पंचायत द्वारा छिंज (कुश्ती) का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिसमें उत्तर भारत के नामीगिरामी पहलवान आकर कुश्ती के दांवपेंच लड़ाकर लोगों का खूब मनोरंजन करते है। पंचायत की ओर से पहलवानों को आकर्षक इनाम दिए जाते है। किरपालपुर पंचायत प्रधान गुरप्रताप बब्बू ने कहा कि 16 जनवरी को मेले के उपलक्ष्य में स्थानीय पंचायत द्वारा छिंज का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उत्तर भारत के नामीगिरामी पहलवान कुश्ती के दांवपेंच लड़ाकर लोगों का मनोरंजन करेंगे।