लाखों पकड़वाकर गुड बुक्स में आई कांस्टेबल मीना

नाहन —  दृढ़ इच्छा शक्ति और हौसले बुलंद हों तो दुनिया की कोई भी ताकत मनुष्य को अपने उद्देश्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती है। यह जीवंत उदाहरण पेश किया है नाहन तहसील के गांव मातर की रहने वाली मीना देवी ने। असामाजिक तत्त्वों द्वारा महिलाओं पर किए जा रहे अत्याचारों से निपटने के लिए मीना देवी ने स्कूल टाइम से ही पुलिस वर्दी पहनने का संकल्प लिया। वर्तमान में मीना पुलिस की प्रथम आईआरबी बटालियन बनगढ़ में पुलिस कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है और इन दिनों आईआरबी बटालियन पड़ोसी राज्य पंजाब में चुनाव के दौरान होशियारपुर में तैनात है। मीना देवी ने अपने कर्त्तव्य का वहन करते हुए होशियारपुर के भंगी चौक पर एक नाके के दौरान एक वाहन से 2.65 लाख की राशि जब्त करके  ईमानदारी व कर्त्तव्यनिष्ठा का प्रमाण प्रस्तुत किया, जिसके लिए  वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मीना की सराहना की गई। दबंग स्वभाव,  अनुशासन और कर्त्तव्यनिष्ठा के लिए मीना सदैव अपने अधिकारियों की गुडबुक्स में रही है। मध्यम परिवार से संबंध रखने वाली मीना ने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शंभूवाला से जमा दो की शिक्षा हासिल की। मीना का बचपन से ही खतरों से खेलना उसका शौक था और स्कूल में हर क्षेत्र में वह सबसे आगे रहती थी। मीना सेना अथवा पुलिस में बतौर अधिकारी सेवा करना चाहती थी, परंतु घर की परिस्थितियां प्रतिकूल होने के कारण पढ़ाई का कार्य अवरुद्ध हो गया, परंतु स्वाभिमानी स्वभाव और वर्दी पहनने के शौक के कारण मीना ने हिमाचल होमगार्ड में वर्ष  2010 में भर्ती होकर अगस्त, 2015 तक विभिन्न स्थानों पर कर्त्तव्यपरायणता और सत्यनिष्ठा से ड्यूटी निभाई। वह सितंबर, 2015 में पुलिस में भर्ती होकर अपने शौक को पूरा कर रही है। विपरीत परिस्थितियां मीना को पढ़ाई के कार्य से भी नहीं रोक पाई। मीना ने होमगार्ड की नौकरी के साथ प्राइवेट तौर पर अपनी पढ़ाई भी जारी रखी तथा वर्तमान में मीना हिंदी विषय में एमए डिग्री कर रही है। एक साक्षात्कार में मीना ने बताया कि जीवन में जोखिम उठाना और खतरों से खेलना उसका बचपन से शौक है और और हर चुनौती से निपटने के लिए वह हर समय तैयार रहती है। उनके पिता शिक्षा विभाग से कुछ वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए हैं और वह पांच बहनें और एक भाई है। उनकी एक बहन वन विभाग में गार्ड के पद पर कार्यरत है। मीना ने जानकारी दी कि उनके द्वारा जिला शिमला के अनेक स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को आत्मसुरक्षा के बारे 10-10 दिन की ट्रेनिंग करवा चुकी है।