बच्चों की लोहड़ी
बच्चों की टोलियां जिनमें अधिकतर लड़के होते हैं, उक्त गीत गाकर लोहड़ी मांगते हैं और यदि कोई लोहड़ी देने में आनाकानी करता है तो ये मसखरे बच्चे उनकी इस तरह ठिठोली भी करते हैं।
‘हुक्के उत्ते हुक्का ए घर भुक्का’
लड़कियां निम्न गीत गाकर लोहड़ी मांगती हैं
पा नी माई पाथी तेरा पुत्त चढ़ेगा हाथी- हाथी
उत्ते जौं तेरे पुत्त पोत्रे नौ!
नौंवां दी कमाई तेरी झोली विच पाई
टेर नी मां टेर नी
लाल चरखा फेर नी!
बुड्ढी सांस लैंदी है
उत्तों रात पैंदी है
अंदर बट्टे न खड्काओ
सान्नू दूरों न डराओ!
चारक दाने खिल्लां दे
पाथी लैके हिल्लांगे
कोठे उत्ते मोर सान्नू
पाथी देके तोर!
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कंडा कंडा नी लडि़कयों
कंडा सी
इस कंडे दे नाल कलीरा सी
जुग जीवे नी भाबो तेरा वीरा नी,
पा माई पा,
काले कुत्ते नू वी पा
काला कुत्ता दवे वधाइयां
तेरियां जीवन मझियां गाइयां
मझियां गाइयां दित्ता दुध,
तेरे जीवन सके पुत्त,
सक्के पुत्तां दी वधाई,
वोटी छम छम करदी आई।