सज्याओपिपलू — ग्राम पंचायत सज्याओपिपलू में लोहड़ी मेले का शुभारंभ मुख्यातिथि जिला भाषा अधिकारी राकेश सकलानी ने किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि ने कहा मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। इससे भाईचारा बढ़ता है। इस दौरान उन्होंने मेला कमेटी को दस हजार व महिला मंडल जोड़न को पांच हजार रुपए दिए। इस मौके पर खडकू, कमलेश कुमार, प्रधान राकेश कुमार, उपप्रधान राकेश कुमार, रवि कुमार, रमन, सुभाष, प्रवीण, टिंकू, सीलू, बाबू राम, मोहिंद्र, सुशील, यशपाल, सुरेंद्र पाल आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
क्या है दूब देने का महत्त्व
कुल्लू घाटी में अनेक प्रकार की परंपराएं और मान्यताएं विद्यमान हैं। इसके साथ इन मान्यताओं ने युवाओं में शिष्टाचार के गुण भी कूट-कूट कर भरे हैं। घाटी में माघी पर्व पर विशेष बात यह है कि उम्र में छोटे लोग अपने से बड़ों को जौ की दूब देते हैं। जिस प्रकार दूब हरी भरी रहती है, ठीक उसी प्रकार बुजुर्ग भी स्वस्थ व खुशहाल रहने चाहिएं।
लोक व्यंजनों का विशेष स्थान
मकर संक्रांति में लोक व्यंजनों जैसे सिड्डू चिलडे़ तथा मोड़ी का विशेष स्थान होता है। माघ माह में लोग अपने घरों में सिड्डू, बबरू, बडे़, लूची, चिलहड़े आदि बनाते हैं। इसके साथ ही उन्हें अपने गांव में भी बांटते हैं। कुल्लू घाटी में सिड्डू लोक व्यंजन में अहम स्थान रखता है।