सीएम के न आने से परागपुर खफा

परागपुर —  देश के प्रथम धरोहर गांव परागपुर में शुक्रवार को बेशक प्रशासन की ओर से राज्य स्तरीय लोहड़ी के आयोजन को सफल बनाने के लिए इस बार पहले से ज्यादा भरसक प्रयास किए गए। लेकिन इस राज्य स्तरीय पर्व पर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह या उनके मंत्रिमंडल से किसी भी मंत्री द्वारा शिरकत न करने की बात लोगों के दिलों में नासुर बनकर चुभी है। लोगों का कहना है कि  समस्त जनता को पता है कि प्रदेश के मुखिया  वीरभद्र सिंह इन दिनों कांगड़ा जिला के शीतकालीन प्रवास पर है। यहां की राज्य स्तरीय लोहड़ी के आयोजन से सीएम भलीभांति परिचित है। बावजूद इसके इस राज्य स्तरीय पर्व में सीएम का न आना लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर रहा हैं। लोगों का कहना है कि भले ही चाहे धरोहर गांव परागपुर की लोहड़ी को प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय मनाने का दर्जा दिया हो। लेकिन यह पर्व सरकार की अनदेखी के चलते उदासीन रवैये की भेंट चढ़ चुका है।  परागपुर के अतीत में झांक कर देखा जाए तो परागपुर को लोहड़ी का दर्जा वर्ष 2009 में दिया गया था। जिसके बाद इसके आयोजन हेतु इस धरोहर गांव में कई महान हस्तियों ने अपनी अपनी दस्तक दी है। लेकिन कुछ वर्षों से यह महोत्सव राजनीति की अपेक्षा का शिकार होता जा रहा है। जिस राज्य स्तरीय लोहड़ी को मनाने जहां गवर्नर सहित मुख्यमंत्री तथा प्रदेश के बड़े-बड़े नेता यहां पहुंच चुके हो। वहीं यह राज्य लोहड़ी पर्व सरकार की उदासीनता के कारण अब प्रशासनिक अधिकारियों के मनाने तक सीमित रह गई है। इस बारे में आईपीएच विभाग से सेवानिवृत्त रणजीत सिंह ने कहा कि अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री परागपुर के इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम के उद्घाटन में नहीं आ सकते थे तो अपने किसी प्रतिनिधि को यहां भेजते । इसी के साथ पंचायत परागपुर के प्रधान रूपींद्र सिंह ने कहा कि धरोहर गांव के साथ-साथ परागपुर को राज्य स्तरीय लोहड़ी का दर्जा प्रदेश सरकार की देन है। जिसमें सीएम का जिला में होने के उपरांत यहां न पहुंचना क्षेत्र के लिए बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात है।