सुरेश कश्यप ने गंगूराम मुसाफिर पर निशाना साधा

सराहां   —  पच्छाद के पूर्व विधायक माता राम के स्टेच्यू को लेकर भाजपा विधायक सुरेश कश्यप ने गंगूराम मुसाफिर पर निशाना साधा है। विधायक ने जारी प्रेस बयान में कहा कि मुसाफिर को 30 सालों बाद अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक की याद आई है कि उनकी याद में कुछ किया जाए, जबकि मुसाफिर 30 सालों तक सरकार में कई अहम पदों पर रहे और अब अपनी कुर्सी खिसकने के बाद उन्हें पूर्व विधायक की याद आ गई जो कि बड़े शर्म की बात है। विधायक ने कहा कि जिस गांव के पूर्व विधायक माता राम थे उसके लिए सड़क, पानी जैसी बुनियादी जरूरतों को भाजपा ने पूरा किया आप तो सत्ता के नशे में उन्हें भूल ही गए थे और अब चुनाव को देखते हुए जीआर मुसाफिर को पूर्व विधायक और उनका स्टेच्यू याद आ गया। जबकि उनके परिवार ने उनकी ओच्छी राजनीति से तंग आकर भाजपा का दामन थाम लिया इसलिए पूर्व विधायक की याद आपको सता रही है। विधायक ने मुसाफिर को यह भी याद दिलवाना चाहा कि माता राम तो विधायक थे पर जिनके नाम पर पूरे प्रदेश में कांग्रेस वोट मांगती है उन्हीं वाईएस परमार का घर भी पच्छाद में ही है। विधायक ने हैरानी जताते हुए कहा कि उनके गांव की सड़क दशकों बाद आज भी सरकार की मेहरबानी को तरस रही है। विधायक ने मुसाफिर पर तंज कसते हुए कहा कि कभी उदघाटन और शिलान्यासों से फुर्सत मिले तो परमार साहब के घर की सड़क पर भी जरूर सफर करें और सोचे कि यह सड़क हिमाचल निर्माता के घर की है और सरकार में रहते हुए उन्होंने पच्छाद में कितना विकास किया है। पूर्व विधायक माता राम जो कि हमारे दादा थे का स्टेच्यू बनाने की जीआर मुसाफिर को कोई जरूरत नहीं है। हम अपने पैसों से अपने दादा की याद में खुद स्टेच्यू बनाएंगे। जब मुसाफिर को 30 सालों में उनकी याद नहीं आई तो अब क्यों मेरा नाम स्टेच्यू बनाने की कमेटी में मुझसे बिना पूछे डाला गया है जिसकी मैं घोर निंदा करता हूं। वीर सिंह पूर्व विधायक माता राम के पौत्र।