सैलानियों पर सरकार का ध्यान नहीं

संगड़ाह —  सर्दियों में हर साल कई दिन बर्फ से ढके रहने वाली उपमंडल की चोटियां, जंगल व वादियां बेशक गत डेढ़ दशक से पर्यटकों के लिए बेहतर सैरगाहें साबित हो रही हैं, मगर नेताओं के चुनावी वायदों व घोषणाओं के बावजूद सरकारी स्तर पर पर्यटकों को आज तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली। गत छह फरवरी को हुए इस सीजन के सबसे भारी हिमपात के बाद शुरू के चार दिनों में संगड़ाह में मौजूद गेस्ट हाउस अथवा होटल आदि में जगह न मिलने पर कई युवा सैलानी गाडि़यों व लोगों के घरों में रात काटते देखे गए। इस दौरान कस्बे में मौजूद लोक निर्माण विश्राम गृह व पंचायत तथा बीडीसी गेस्ट हाऊस में रेनोवेशन व अन्य कारणों से कमरे नहीं मिले।  क्षेत्र के गेस्ट हाउस व होटल में कमरे का रेंट जहां 2500 रुपए तक चढ़ गया, वहीं पेइंग गेस्ट बने कई मेहमानों को भी कमरे के 500 रुपए तक अदा करने पड़े। संगड़ाह जिला सिरमौर का एकमात्र उपमंडल है जो अब तक एनएच तो दूर राज्य उच्च मार्ग तक से नहीं जुड़ सका। केंद्रीय पर्यटन मंत्री द्वारा गत मई माह में हालांकि उपमंडल की चार सड़कों को एनएच का दर्जा देने की घोषणा की जा चुकी है। मगर इस बारे क्लीयरेंस अथवा औपचारिकताएं पूरी होना बाकी है। गत मार्च माह में पर्यटन विभाग द्वारा संगड़ाह में हालांकि 25 बेरोजगारों को टूरिस्ट गाईड की ट्रेनिंग दी गई, मगर इन दिनों पर्यटकों की भीड़ के साथ कोई गाइड नजर नहीं आया।

रविवार को बर्फ में छुट्टी मनाने पहुंचे सैलानी

रविवार को एक बार फिर छुट्टी मनाने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ से दर्जनों वाहनों में सैलानी क्षेत्र की बर्फीली वादियों में पहुंचे। एक सप्ताह बाद हालांकि संगड़ाह-हरिपुरधार व संगड़ाह-गत्ताधार सड़कों से काफी हद तक बर्फ हटाए जाने के बाद इन सड़कों पर छोटी गाडि़यां चल पड़ी हैं, मगर बर्फीली सड़कों पर सैलानियों को गाडि़यां स्किड होने के खतरे से आगाह करने की कोई व्यवस्था नहीं है। पंजाब से आए गुरप्रीत, सुखविंद्र, मोंटू व जसवीर आदि के अनुसार क्षेत्र की बर्फीली वादियां खूबसूरत हैं, मगर सुविधाएं मिले तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अधिशाषी अभियंता केएल चौधरी व एसडीएम संगड़ाह रजनीश कुमार के अनुसार क्षेत्र की सभी सड़कों पर यातायात बहाल हो चुका है। विश्राम गृह संगड़ाह की मरम्मत व अतिरिक्त कमरों के निर्माण के काम के चलते यह इन दिनों बंद है।