108-102 नंबर पर फर्जी कॉल्स

सोलन   —  हिमाचल में लोगों को जीवनदान देने वाली 108 व 102 आपातकालीन सेवा का प्रदेश के कुछ लोग दुरुपयोग कर रहे हैं। बीते एक वर्ष में 108 व 102 पर 1218 अश्लील व अनावश्यक कॉल आई हैं। जीवीके कंपनी द्वारा ऐसे ही 17 नंबरों की सूची जारी की गई है, जिन्होंने इस सेवा को महज टाइम पास करने के लिए इस्तेमाल किया है। ऐसे में नंबर व्यस्त होने की वजह से कई बार जरूरतमंद लोगों को इस सेवा का समय पर लाभ नहीं मिल पाया।    जानकारी के अनुसार 108 एमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर में आई 50 प्रतिशत कॉल आपातकालीन नहीं होती। यह 50 प्रतिशत कॉल्ज वे कॉल हैं, जिसमें कॉलर द्वारा या तो अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है या कॉल आपरेटर को मिसगाइड किया जाता है तथा कई बार कॉल का उत्तर देने के बाद भी कॉलर कुछ नहीं बोलता है, जिस कारणवश जरूरतमंद लोगों को इसका खामियाजा आपातकालीन समय में एंबुलेंस सेवाएं न मिलने के रूप में भुगतना पड़ता है। आंकड़ों के हिसाब से माना जाए तो वर्ष 2015 में काल का उत्तर न देने की दर 0.31 प्रतिशत थी, जो कि वर्ष 2016 से घटकर 0.19 प्रतिशत हो गई है। जीवीके ईएमआरआई ने हाल ही में कुछ ऐसे नंबरों की पहचान की है, जिनसे पिछले एक साल (एक जनवरी से 31 दिसंबर, 2016) में 50 से अधिक कॉल्ज इस जीवन रक्षा में सहायक नंबर 108 और 102 पर अश्लील व अपमानजनक कॉल्ज की हैं। 108 और 102 के कर्मचारियों ने अनावश्यक कॉल्ज करने वालों से तुरंत संपर्क किया और उन्हें 108 और 102 के महत्त्व के बारे में बताया। इसके बाद 108 के कॉल सेंटर में बैठने वाले पुलिस के अधिकारियों ने इन्हें कानूनी सलाह से भी अवगत कराया। जीवीके  कंपनी के स्टेट हैड मेहुल सुकुमारन ने कहा कि हम लोगों की पूरी लगन व तत्परता से सहायता करते हैं, लेकिन प्रदेश के कुछ लोग इस सेवा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से काफी दिक्कत आ रही है।