13वें वित्त आयोग का हिसाब मांगा
जिला परिषद-पंचायत समितियां तुरंत लौटाएं प्रयोग न हुआ धन
शिमला— सरकार ने जिला परिषद व पंचायत समितियों से 13वें वित्त आयोग के तहत जारी हुए पैसे का हिसाब मांगा है। इसके तहत जो पैसा प्रयोग नहीं हुआ है, उसे तुरंत लौटाने को कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि यह राशि करोड़ों में है। अकेले जिला शिमला में जिला परिषद व पंचायत समिति में करीब 80 लाख की राशि अभी भी ऐसी है, जो 13वें वित्त आयोग के तहत जारी हुई थी। तेहरवें वित्त आयोग के बाद जिला परिषद सदस्यों और पंचायत समिति सदस्यों को किसी भी तरह की कोई ग्रांट नहीं मिली है। अब इस हैड में बचे पिछले पैसे को भी सरकार वापस मांग रही है। इसके चलते जिला परिषद सदस्यों और पंचायत समिति सदस्यों में काफी रोष है। सदस्यों की ओर से ग्रांट की मांग को लेकर अलग से संगठन भी बनाया गया है जो ग्रांट बहाली को लेकर विशेष प्रयास करने में जुटा है। सदस्य पहले भी कह चुके है कि 14वें वित्त आयोग की ओर से सीधे पंचायतों को राशि जारी करने का जो प्रावधान है उस पर पुनर्विचार किया जाए। दरअसल 13वें वित्त आयोग के तहत जिला परिषद 50 फीसदी, पंचायत समिति को 30 फीसदी और पंचायतों को 20 फीसदी के अनुपात में राशि जारी की जाती थी, लेकिन 14वें वित्त आयोग में जिला परिषद और पंचायत समिति के सदस्यों को ग्रांट जारी करने पर रोक लग गई और पैसा सीधे पंचायतों को ट्रांसफर किया जाने का प्रावधान किया गया। पार्षदों का कहना है कि जिला परिषद के पास पहले ही पैसा नहीं है, अगर वह भी वापस होता है तो इससे बड़ा मजाक त्रिस्तरीय प्रणाली के साथ नहीं हो सकता।
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