हिमाचल को चिंतित करती आतंकी आहटें
( हेमांशु मिश्रा लेखक, पालमपुर से अधिवक्ता हैं )
हिमाचल के लोगों को सभी प्रलोभनों से दूर रह कर प्रदेश को सुरक्षित बनाना होगा। ये आतंकी आहटें हमें आज झकझोर रही हैं। समय रहते अगर हम न संभले तो एक दिन देश की सीमाएं सिकुड़ती हुईं हमारे ही दरवाजे तक आ पहुंचेंगी और तब हम अपने ही साए से घबराने लगेंगे…
धमकियों, भभकियों और साजिशों के बीच हिमाचल में एक के बाद एक आतंक की आहटें चिंतित करते हुए हिमाचल के मूल शांत स्वभाव को चोट पहुंचाती दिख रही हैं। हिमाचल की तासीर में भाईचारा, प्रेम और आदर रचा-बसा है। सभी हिमाचलवासी मिलकर राष्ट्र की तरक्की में कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं, फिर क्यों हिमाचल के साथ कुछ घिनौनी ताकतें साजिश करने लगी हैं। यह जरूर किसी विदेशी या देश विरोधी ताकत की मंशा हो सकती है कि हिमाचल को बारूद के ढेर पर खड़ा करने का षड्यंत्र रचा जाए। करीब दस वर्ष पहले डमटाल में सेना की शूटिंग रेंज में आतंकी हमला, अल्हीलाल में अल कायदा समर्थक ऑडियो कैसेट का बरामद होना, सतरुंडी कालाबन में आतंकी हमला, जिसमें 35 मजदूर मारे गए थे। इन हादसों को हिमाचलवासी अभी तक भूले भी नहीं थे कि पिछले तीन महीनों में एक के बाद एक कई घटनाएं माथे की लकीरों को ही बढ़ाती हैं। नाहन में बारूद का जखीरा मिलना व बम का फटना, काला अंब में कारतूसों का भंडार मिलना, रोहड़ू के चिड़गांव में एक सरकारी गोदाम की दीवारों पर कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस के नारे देखने को मिलना, सोलन जिला के धर्मपुर के माता मनसा देवी मंदिर की दीवार पर भी आईएसआईएस के समर्थन में नारे लिखे गए थे। सोलन में पांच स्थानों में पानी के टैंकों में जहर मिलाने की घटनाएं अभी पिछले वर्ष सितंबर और अक्तूबर के महीनों में ही हुई थीं और सुबाथू के सैन्य कैंप में जहर मिलाने की घटना सामने आई थी। उसके बाद 17 दिसंबर, 2016 को कुल्लू के बंजार में केंद्रीय एजेंसियों ने सिंधवा चर्च से आईएस के आतंकवादी आबिद को पकड़ा था, जिसकी जांच केंद्रीय एजेंसी कर रही है।
लेकिन दो दिन पहले सुबाथू में लिखे नारे, धमकियां और शांत वातावरण में दहशत फैलाने का जो कुत्सित प्रयास किया गया है, वह अत्यंत चिंतनीय है। सुबाथू के सैन्य क्षेत्र के बाजार, ब्वायज स्कूल, मधुवन पार्क व छावनी टोल टैक्स बैरियर पर ये पोस्टर रातोंरात कोई चिपका गया और हमारा तंत्र अगले दिन जागा, जो कि उससे भी अधिक चिंतित करने की घटना है। छह महीनों से एक के बाद एक घटनाएं हिमाचल में घट रही हैं, सोलन के रास्ते आतंक के रहनुमा पहाड़ को डराना चाह रहे हैं और हमारी पुलिस कुंभकर्णी नींद सोई हुई है। सोलन जहर कांड में अभी तक पुलिस असली दोषियों तक नहीं पहुंच पाई है, तो चिड़गांव और धर्मपुर में भी मात्र एफआईआर ही दर्ज हुई। अभी तक हिमाचल में जो षड्यंत्र के तरीके दिख रहे हैं, वे हिमाचल के सैन्य इलाकों, औद्योगिक क्षेत्रों, पर्यटक एवं बागबानी स्थलों और शैक्षणिक संस्थाओं में साजिश की ओर संकेत कर रहे हैं। यह एक तरह से हिमाचल के मर्म को चोट पहुंचाने का प्रयास है। आतंक और नशे के गठजोड़ का आकलन भी जरूर होना चाहिए। प्रदेश की सरकार और पुलिस तंत्र की जितनी भी कमियां हों, लेकिन हिमाचल की जनता सभी देशद्रोही ताकतों को अपने विवेक और हिम्मत से परास्त करने का माद्दा रखती है। देश पर आए हर संकट की घड़ी में हिमाचली जवान आगे आए। पहले परमवीर चक्र विजेता, जिन पर हिमाचल ही नहीं पूरे देश को नाज है, का हिमाचली रिश्ता किसी से छिपा नहीं है। विक्रम बतरा से लेकर संजय कुमार और सुधीर वालिया तक कितने नौजवान देश के लिए कुर्बान हो गए।
हिमाचल के सैनिकों की वीर गाथाएं भारत में जनता को जुबानी याद हैं। सेना ही नहीं, पुलिस में भी हिमाचली सपूतों ने देश-प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है। अभी हिमाचल के सपूत कांस्टेबल मनोज कुमार की ‘कश्मीर तो होगा…’ कविता सोशल मीडिया में राष्ट्रभक्ति के प्रखर प्रवाह के लिए लोकप्रिय हुई। हिमाचल के वीर जवान हर चुनौती को स्वीकार करते हुए शहादत के लिए भी तैयार रहते हैं, इसीलिए कोई अराजक ताकत हिमाचल में पनप नहीं पाई है। एकजुटता और सजगता हमारा आभूषण है, लेकिन अब कई जगह हमारी लापरवाहियां दिखनी लगी हैं। अपने आस-पड़ोस में हम सबको जागरूक नागरिक की भूमिका निभानी पड़ेगी। मकान किराए पर देते समय, कम लागत पर वस्तुएं दूसरे प्रदेश की लोगों से खरीदते वक्त हमें अपने आंख-कान खुले रखने की जरूरत है। पहाड़ की जवानी पहाड़ के लिए कुछ करने के लिए लालायित है, तो पुलिस को भी युवाओं को अपने साथ सामंजस्य बनाकर प्रदेश को आसुरी ताकतों से बचाने का तंत्र विकसित करना चाहिए। हिमाचल के लोगों को सभी प्रलोभनों से दूर रह कर शांत प्रदेश को सुरक्षित बनाना जरूरी हो गया है। ये आतंकी आहटें हमें आज झकझोर रही हैं कि उठो, संभलो और सुरक्षित हिमाचल के लिए योगदान दो। समय रहते अगर हम न संभले तो एक दिन देश की सीमाएं सिकुड़ती हुईं हमारे ही दरवाजे तक आ पहुंचेंगी और तब हम अपने ही साए से घबराने लगेंगे।
ई-मेल : features@indiatotal.com
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App or iOS App