अनाथ बच्चे बनेंगे संपत्ति के मालिक

माता-पिता की जायदाद में मिलेगा हिस्सा, सीडीपीओ को निर्देश

बिलासपुर – अब हिमाचल प्रदेश में अवयस्क अनाथ बच्चों को भी पूर्वजों-मृतक माता-पिता की जमीन जायदाद में हिस्सा मिलेगा। इस बाबत राज्य सरकार ने व्यवस्था लागू कर दी है। जिलों में जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय के माध्यम से अनाथ बच्चों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। बिलासपुर जिला में अब तक 111 अनाथ बच्चों को सूचीबद्ध किया गया है। राजस्व विभाग के माध्यम से पैतृक संपत्ति का पता लगाने के लिए जिला राजस्व अधिकारी को निर्देश भी जारी हुए हैं। इसके साथ ही अनाथ बच्चों को चिन्हित करने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर्ज की सहायता ली जाएगी। इसके लिए सभी सीडीपीओ को निर्देश जारी किए गए हैं। बिलासपुर के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विनय कुमार ने खबर की पुष्टि  की है। उन्होंने बताया कि सभी अवयस्क अनाथ बच्चों को चिन्हित किया जाएगा और उन्हें सुरक्षा व संरक्षण देने व आम जन-मानस की तरह हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाने तथा पूर्वजों व मृतक माता-पिता की जमीन जायदाद में उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही उस जमीन का इंतकाल भी करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि छानबीन करने के उपरान्त ऐसे अवयस्क बच्चों को उन्हें मालिकाना हक दिलाने के लिए जमीन की जमाबंदी व ततीमा काट कर जमीन उनके नाम करने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी  ताकि उन्हें जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो सके।

जिला में 111 बच्चे

जिला के विभिन्न क्षेत्रों से 18 वर्ष तक के चिन्हित 111 अवयस्क अनाथ बच्चों की सूची तैयार की गई है। इसमें से सदर विकास खंड के 27, श्री नयनादेवी के 15, झंडूता के 28 तथा घुमारवीं विकास खंड के 41 अवयस्क अनाथ बच्चे शामिल हैं।