अस्पताल पर आमने-सामने बजौरा

भुंतर —  जिला कुल्लू के बजौरा में बनने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सालय को लेकर स्थानीय ग्रामीण आपस में बंट गए हैं। स्थानीय क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने इस चिकित्सालय का विरोध किया है तो दूसरा धड़ा इसके समर्थन में आ गया है। कुछ दिन पहले एक पक्ष द्वारा चिकित्सालय के विरोध में सड़कों पर उतरने के बाद दूसरे पक्ष के ग्रामीण भी गुरुवार को सड़कों पर उतर आए और सरकार के फैसले का समर्थन किया। बजौरा, हाट, मशगां और न्यूल पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने बजौरा में विशाल रैली का आयोजन किया और विरोध करने वाले दूसरे पक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों ने आवाज उठाते हुए आरोप लगाए हैं कि जिन लोगों ने चिकित्सालय का विरोध किया है उन लोगों ने सरकारी एवं वन भूमि पर कब्जे किए हैं। ग्रामीणों ने इनके विरुद्ध प्रशासन से नियमानुसार शीघ्र कार्रवाई मांगी की भी मांग की। पूर्व जिला परिषद सदस्य व कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के जिला अध्यक्ष बुद्धि सिंह ने इस मौके पर कहा कि भूमि ग्राम पंचायत हाट में पड़ती है और कुछ लोग इसे बजौरा की बता कर जनता को जुमराह कर रहे हैं। वन अधिकार समिति ने भी चिकित्सालय बनने के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया है और इस भूमि पर कोई भी कब्रिस्तान नहीं हैं, यहां चिकित्सालय बनने से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि सभी को बहुत बड़ा फायदा मिलने वाला है। उन्होंने आयुर्वेदिक व सहकारिता मंत्री कर्ण सिंह का धन्यवाद किया। इस मौके पर हाट की प्रधान वीना कुमारी, ग्राम पंचायत नियुल के प्रधान सुरजमणि, ग्राम पंचायत कलैहली की प्रधान शीला देवी, ग्राम पंचायत मशगां की प्रधान जयवंती, दौलत राम उपप्रधान ग्राम पंचायत बजौरा, दिनेश ठाकुर उपप्रधान मशग्रां, उपप्रधान हाट निमे राम, वार्ड पंच सुंदर सिंह सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे। ग्रामीणों के दो धड़ों में बंटने के बाद उक्त चिकित्सालय पर राजनीति संघर्ष की  बू आने लगी है। बता दें कि एक पक्ष यहां पर धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचने के नाम पर विरोध कर रहा है तो दूसरे पक्ष ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है।