एचपीयू के शोध अब पढ़ें ऑनलाइन

By: Feb 5th, 2017 12:01 am

प्रशासन को जमा करवानी होगी सॉफ्ट कॉपी

शिमला  – एचपीयू के विभागों में शोधरत शोधार्थियों का शोध ऑनलाइन भी पढ़ा जा सकेगा। शोध ऑनलाइन करने के लिए प्रत्येक शोधार्थी को शोध कार्य की सॉफ्ट कॉपी विश्वविद्यालय प्रशासन को जमा करवानी होगी। हर एक शोधार्थी को पीएचडी/एमफिल की थिसिस जमा करवाने से पहले यह सॉफ्ट कॉपी संबंधित गाइड जमा करवाना अनिवार्य होगा। शोधार्थियों के शोध कार्य को ऑनलाइन करने की यह प्रक्रिया विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी कर रहा है। आयोग के पीएचडी/ एमफिल के लिए बनाए गए नियम 2016 में इसे महत्त्वपूर्ण रूप से शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय भी अब इन्हीं नियमों के तहत एमफिल/ पीएचडी कोर्स में प्रवेश छात्रों के लिए देगा और छात्रों को शोध कार्य यूजीसी के इन्हीं नियम 2016 पर पूरा किया जाएगा। विवि में सत्र दिसंबर, 2016 और आगामी नए सत्र में एमफिल/ पीएचडी में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए यह नियम लागू होंगे। शोधार्थियों को अभी तक जहां एमफिल/ पीएचडी उपाधि प्राप्त करने के लिए केवल थिसिस की तीन कॉपी जमा करवाना ही अनिवार्य था। वहीं अब नए नियमों में शोधार्थियों को एमफिल/ पीएचडी उपाधि प्राप्त करने के लिए थिसिस अप्रूव होने से पहले अपने एमफिल/ पीएचडी शोध कार्य की एक इलेक्ट्रॉनिक प्रति यानी फाइनल शोध कार्य की सॉफ्ट कॉपी सीडी के रूप में जमा करवानी होगी। जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक प्रति के रूप में विभाग को जमा करवाई गई शोध की प्रति को विश्वविद्यालय द्वारा इंफ्लिबनेट के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपने शोध गंगा और शोध गंगोत्री प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए एमफिल/ पीएचडी में शोध कार्य की इलेक्ट्रॉनिक प्रति को जमा करवाना अनिवार्य किया है। इस योजना में जब छात्र शोध कार्य की सीडी जमा करवाएंगे, तो उसे यूजीसी इंफ्लिबनेट सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा।

कट-कॉपी-पेस्ट तो भूल जाओ

एमफिल/पीएचडी शोधार्थियों की शोध कार्य के ऑनलाइन होने से एचपीयू में किस स्तर का शोध हो रहा है, इसका पता चल सकेगा। संस्थान में शोधरत शोधार्थियों के शोध कार्य का कट, कॉपी, पेस्ट किसी और छात्र द्वारा नहीं किया जा सकेगा, जिससे शोध की गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा। यूजीसी के नियमों में स्पष्ट है कि किसी भी संस्थान को एमफिल/पीएचडी की उपाधि छात्रों को देने के लिए थिसिस का सफलतापूर्वक मूल्यांकन हो जाने के बाद उपाधि प्रदान करने से पहले शोध कार्य की इलेक्ट्रॉनिक प्रति लेना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही छात्र को पीएचडी/ एमफिल की उपाधि प्रदान की जा सकती है।


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