एसआईटी के हवाले गांजा जांच

कुल्लू के नागारा में 126 किलो खेप संग धरा गया था एक विदेशी

कुल्लू— जिला कुल्लू की ऊझी घाटी के नागारा डोगरू गांव नग्गर में पकड़े गए विदेशी के कब्जे से नशीले पदार्थ के मामले में कुल्लू पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की कमान डीएसपी मनाली पुनीत रघु को सौंपी गई है, वहीं अमरीका के कैलिफोर्निया के रहने वाले विशंभर इसिएश के कब्जे से नशीले पदार्थों की बरामदगी के बाद जिला में नशे के कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। बता दें कि पतलीकूहल पुलिस चौकी प्रभारी लाल चंद शर्मा  को गुरुवार को गुप्त सूचना मिली थी कि एक विदेश ने अपने कमरे में गांजा, हशीश ऑयल सहित नशीले पदार्थों की खेप तैयार कर रहा है। इस मामले को लेकर चौकी प्रभारी लाल चंद शर्मा ने बड़े अधिकारियों को अवगत करवाया और देर शाम को पुलिस ने स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधियों को भरोसे में लेकर विदेशी के कमरे में छापामारी की। जिला कुल्लू में इतनी बड़ी मात्रा में हशीश ऑयल बरामद करने का यह पहला मामला है। छापामारी के दौरान विदेशी के कमरे में इतनी तेज गंध थी कि पुलिस कर्मी इसे बर्दाश्त नहीं कर सके और पुलिस को कार्रवाई के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस ने विदेशी को मादक पदार्थ अधिनियम 20, 21 के तहत हिरासत में लिया और मामले की छानबीन भी शुरू कर दी है। उधर,  गुप्त सूचना के आधार पर व अपने बड़े अधिकारियों को विश्वास में लेने के बाद जिस तरह से चौकी प्रभारी पतलीकूहल लाल चंद शर्मा ने इस कार्य को अंजाम दिया है। वह सही मायने में काबिलेतारीफ है। इससे पहले भी चौकी प्रभारी कई मामलों का खुलासा कर चुके हैं।

मीडिया से भी बात

मीडिया से बात करते हुए हिरासत में लिए गए विदेशी विशंभर इसिएश (42) पुत्र देवेंद्र पंडित  निवासी केलिफोर्निया ने मीडिया से भी बात की। मीडिया से बात करते हुए विदेशी ने कहा कि बाहरी राज्यों में गांजा से दवा बनाना कोई जुर्म नहीं है। वह एक वैज्ञानिक है और कैंसर के मरीजों के लिए दवा तैयार करता है। विदेशी ने कहा कि वह कैंसर के लिए बन रही दवा पर रिसर्च कर रहा है और ओडिशा, केरला में भी इस पर सर्च कर चुका है, जहां पर उसके और भी साथी इस पर रिसर्च कर रहे हैं।

आरोपी का तर्क

पुलिस ने हिरासत में लिए गए विदेशी से पूछताछ की तो  विदेशी ने पुलिस को तर्क दिया कि वह इस हशीश ऑयल को कैंसर से निपटने के लिए दवा के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। इस दवा का असर सबसे अधिक और तेज प्रभाव से कैंसर से पीडि़त लोगों को होता है। यही नहीं, उसने इस कार्य को करने के लिए कुछ समय पहले आवेदन भी किया है. लेकिन पुलिस ने इस तरह की अनुमति की बात को सिरे से खारिज कर दिया। धरे गए विदेशी ने पुलिस के समक्ष इसके प्रयोग के बारे में कई उदाहरण भी पेश किए।