एसडीएम कार्यालय का मुद्दा गरमाया

बीबीएन —  औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में एसडीएम कार्यालय खोलने का मुद्दा गरमाने लगा है। नवगठित बद्दी विकास मंच ने हिमाचल की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले बीबीएन के बद्दी में एसडीएम कार्यालय खोलने का राग छेड़ दिया है और विधायक पर गंभीर मसलों पर चुप्पी साधने का आरोप जड़ा है। विकास मंच के अध्यक्ष बेअंत ठाकुर व वरिष्ठ सदस्य संजीव कौशल ने कहा कि दून विधानसभा के तहत आने वाला प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बद्दी आज भी अपना वजूद तलाशता नजर आ रहा है। वर्तमान में बद्दी तहसील की आबादी डेढ़ लाख पार कर चुकी है, जिसमें स्थानीय व बाहरी राज्यों से आए प्रवासी शामिल है। हिमाचल प्रदेश की आबादी के हिसाब से यह सबसे बड़ी तहसील है और उपमंडलाधिकारी कार्यालय को तरस रही है। मंच के अध्यक्ष बेअंत ठाकुर ने कहा कि सबसे ज्यादा आबादी और सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली इस तहसील का दर्जा नौ साल बाद भी ज्यों का त्यों है, जो कि राजनीतिक भेदभाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही बद्दी को तहसील का दर्जा दिया था और लोगों को आशा थी कि कांग्रेस सरकार यहां पर एक कदम आगे बढ़ते हुए नया उपमंडल खोलेगी, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात, क्योंकि नए कार्यालय तो क्या खुलने थे, पुराने भी बंद कर दिए गए। उन्होंने कहा कि आज के सदंर्भ में चाहे कोर्ट के काम हो या अन्य राजस्व कार्य सबसे अधिक कार्य बद्दी तहसील के तहत होते हैं और बरोटीवाला इलाके की पंचायतों को न्यायिक कोर्ट के कामों के लिए कसौली जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा खोले गए आरटीओ कार्यालय को इस सरकार ने आते ही बंद कर दिया, जबकि हमारे चुने हुए प्रतिनिधि तमाशा देखते रहे, वहीं बीडीओ आफिस खोलने की घोषणा को भी रोल बैक कर दिया गया। मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि जहां मुख्यमंत्री प्रदेश में दिल खोलकर राज्य में एसडीएम कार्यालय, तहसील व उपतहसील कार्यालय खोल रहे हैं, वहीं स्थानीय विधायक क्षेत्र की मांगें उठाने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं, जिसके कारण दून पिछड़ रहा है। बेअंत ठाकुर ने भेदभाव को लेकर आरटीआई से पूरी तथ्य जुटाकर याचिका दायर की जाएगी, ताकि दून को उसका हक मिले। मंच ने कहा कि बद्दी की आबादी व जरूरतों को देखते हुए प्रदेश सरकार बद्दी में दो दिन एसडीएम बैठाने की वैकल्पिक व्यवस्था करे। इस अवसर पर बद्दी विकास मंच के अध्यक्ष बेअंत सिंह ठाकुर, संजीव कौशल, मोहम्मद आशिक, सुरेंद्र कौशल, मंजीत सिंह, जसविंद्र भारद्वाज सहित कई सदस्यों ने सरकार से उक्त मुद्दे को तुरंत हल करने आग्रह किया है।