ऑटोमोबाइल हब तो बना लेकिन पीने का पानी नहीं मिला

सोलन —  शहर के साथ लगती  आंजी पंचायत ऑटोमोबाइल हब के रूप में विकसित तो हो गई, लेकिन इस पंचायत में पानी जैसी मूलभूत सुविधा का काफी अधिक अभाव है। ग्रामीणों को पानी के लिए बार एक सप्ताह से भी अधिक का इंतजार करना पड़ता है। इस पंचायत में पानी की समस्या बीते दो वर्र्षों से है। हैरानी की बात है कि पंचायत के लोगों को पेयजल मुहैया करवाने में सरकार और प्रशासन दोनों ही नाकाम रहे हैं। जानकारी के अनुसार आंजी पंचायत में टाटा, हुंडई, टोयटा सहित आधा दर्जन निजी कंपनियों के शोरूम हैं। इन शोरूम में करीब एक हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। अधिकतर कर्मचारी इसी पंचायत में किराए के मकान लेकर रह रहे हैं। इसी प्रकार इस पंचायत में एक बोर्डिंग स्कूल और एक फार्मा कंपनी भी है, जिसमें करीब 500 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं।  यह कर्मचारी आसपास के क्षेत्रों में ही रहते हैं। इसके अलावा पंचायत के स्थानीय निवासी और बाहरी जिलों से आकर यहां पर मकान बनाकर रह रहे लोगों की जनसंख्या भी लगातार बढ़ रही है। कुल मिलाकर पंचायत की जनसंख्या पांच हजार से अधिक है। इस पंचायत के अधिकतर गांव को शमलेच स्थित ग्रेविटी की पेयजल योजना  से पानी की सप्लाई दी जा रही है। गर्मियों के दिनों में पेयजल योजना का पानी 80 प्रतिशत तक सूख जाता है। सर्दियों में भी यदि कुछ दिनों तक बारिश न हो तो भी पेयजल योजना का जलस्तर इतना कम हो जाता है कि आधे गांव को भी पानी की सप्लाई नहीं मिल पाती है। ग्रामीणों की मांग है कि आंजी, शमलेच, शराणू व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को गिरि पेयजल योजना के साथ जोड़ा जाए। यदि मौजूदा पेयजल योजना के साथ ही एक अन्य बोर कर दिया जाता है तो भी पंचायत में पानी की समस्या किसी हद तक कम हो जाती है। ग्रामीण इस  समस्या को लेकर प्रशासन से भी मिल चुके हैं, लेकिन वहां से भी केवल निराशा ही हाथ लगी है। अब ग्रामीणों में काफी अधिक रोष है। ग्रामीणों का यह रोष जल्द ही आंदोलन में बदलने जा रहा है। पानी की समस्या को लेकर पंचायत के लोग जल्द ही एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में हैं। अपनी आवाज सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों के पास अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है। उपायुक्त राकेश कंवर का कहना है कि आंजी पंचायत में पेयजल की समस्या को लेकर आईपीएच विभाग को निर्देश जारी किए जाएंगे। इस दिशा में प्रशासन हरसंभव प्रयास करेगा। आंजी पंचायत के प्रधान गरीबा राम का कहना है कि पंचायत में पानी की समस्या को लेकर कई बार आईपीएच विभाग को अवगत करवाया जा चुका हैं। मौजूदा पेयजल योजना में जलस्तर काफी नीचे जा चुका हैं, जिसकी वजह से समस्या  आ रही है। आईपीएच विभाग के कनिष्ठ अभियंता कमल का कहना है कि बड़ोग पेयजल योजना की रिपेयरिंग चल रही है, जिसकी वजह से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जल्द ही पेयजल आपूर्ति नियमित कर दी जाएगी। हिमाचल की प्रत्येक पंचायत को भले की बाह्य शौचमुक्त कर दिया गया हो, लेकिन आंजी पंचायत इस हकीकत से कोसों दूर है। पंचायत में भी भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। यहां तक कि डस्टबिन की लगे होने की वजह से लोग कूड़ा खुले स्थान पर फेंक रहे हैं। इस पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन पूरी तरह से दम तोड़ चुका है।