क्यों बंद हुई सबसिडी की तूड़ी

By: Feb 13th, 2017 12:05 am

नादौन —  सबसिडी के आधार पर विभिन्न पंचायतों में मिलने वाली तूड़ी गत कुछ वर्षों से नहीं मिलने से किसानों में भारी रोष है। क्षेत्रवासियों पवन, गगन, योगराज, सुनील, देशराज, कर्म चंद, सुदामा राम, अनिल कुमार, बंटी कुमार, सविता, रीता देवी, पुष्पा देवी, सरिता देवी, शीला देवी आदि का कहना है कि जब पंचायत आधार पर तूड़ी मिलती थी तो लोगों को कई तरह की परेशानियों से राहत पहुंचती थी।  जब से यह योजना बंद की गई है, लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तूड़ी प्राप्त करने के लिए बाहरी प्रदेशों से आकर तूड़ी बेचने वालों की मनमानी का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। इन लोगों ने बताया कि वर्तमान समय में बाहरी प्रदेशों से आकर तूड़ी बेचने वाले अपनी मनमानी पर उतर आए हैं। पंजाब आदि क्षेत्रों से आकर तूड़ी बेचने वाले अब किसी तराजू का इस्तेमाल नहीं कर रहे बल्कि बड़े टोकरे के हिसाब से इसे बेच रहे हैं और दावा करते हैं कि इस बड़े टोकरे में 30 किलो तूड़ी आती है। लोगों का आरोप है कि अपने साथ लाए इस टोकरे में 30 किलो तूडी का दावा करने वालों की पोल तब खुली जब कुछ लोगों ने अपने स्तर पर तराजू पर इसे तोला तो पाया कि इस टोकरे में लगभग 22 किलो तूड़ी ही आ रही है। उन्होंने बताया कि तूड़ी बेचने वाले 900 से लेकर 1000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से इस टोकरे में भर कर तूड़ी बेच रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक क्विंटल तूड़ी खरीदने वाले किसान को लगभग 25 से 30 किलो कम तूड़ी मिल रही है। मापतोल के घपले में किसानों को बड़ी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि जो लोग एक क्विंटल से लेकर 20 क्विंटल तक तूड़ी खरीदते हैं, उन्हें होने वाले आर्थिक नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है। इन किसानों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें विभिन्न पंचायतों में सबसिडी के आधार पर तूड़ी उपलब्ध करवाई जाए। गलत तरीके से तोल कर तूड़ी बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस संबंध में नादौन के विधायक विजय अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार से इस बारे में बात की जाएगी।

बीमारी से बचाव के लिए उपाय

पीला रतुआ रोग देखते ही किसान प्रॉपीकोनाजोल (टिल्ट) 25 ईसी, टेबुकोनाजोल (फॉलिकर) 25 ईसी और ट्राईडिमेफॉन (बैलिटॉन) 25 डब्ल्यूपी का 0.1 फीसदी घोल बनाकर छिड़काव करें। दूसरा छिड़काव 15 से 20 दिनों के बाद करें। एक बीघा जमीन के लिए 60 मिली/ग्राम दवा 60 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इसके साथ ही स्टिकर का इस्तेमाल भी अवश्य करें।

सही ढंग से करें दवाई का  छिड़काव

किसान खेतों में दवाई का छिड़काव सही ढंग से करें, ताकि दवा पौधों के सभी भागों में अच्छी तरह फैल सके। छिड़काव के लिए पानी की उचित मात्रा का प्रयोग करें। दवाई का अधिक या कम मात्रा में प्रयोग करने से छिड़काव का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाएगा। किसान छिड़काव दोपहर बाद करें।


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