गैर कृषकों ने धारा 118 का किया विरोध, मांगी जमीन

सोलन —  विदेशों में रहने वालों को भी कुछ वर्र्षों बाद वहां की सरकार द्वारा उन्हें वहां की नागरिकता व जमीन लेने की छूट दी जाती है। लेकिन हिमाचल प्रदेश में कई पुश्तों के रहने के बावजूद भी पंजिकृत हिमाचलियों को यहां जमीन लेने की छूट नहीं मिल पाई है, जिस पर गैर कृषक संगठन रोष प्रकट करता है। बैठक के दौरान सदस्यों ने बताया कि संगठन  में अधिक से अधिक सदस्यों को जोड़ने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाया जाएगा। इसेक लिए प्रदेश भर में बैठकों का दौर जारी है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में  गैर कृषकों को हिमाचल में जमीन लेने के लिए धारा 118 की मंजूरी लेनी पड़ती है। जिससे गैर कृषकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे लेकर रविवार को बैठक का आयोजन किया गया।  संगठन के सदस्य व सोलन इकाई के प्रधान गिरीश साहनी (नारंग)ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल में गैर कृषकों को लंबे अरसे से जमीन खरीदने की छूट न मिलने से आज प्रदेश भर में रोष प्रकट हो रहा है। जिसे लेकर जल्द ही राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा। बैठक में मौजूद सदस्यों ने बताया कि सरकार द्वारा हिमाचल का स्थायी निवासी बनने के बाद भी गैर कृषक होने के चलते भूमि खरीदने के लिए प्रतिबंधित किया गया है, जोकि तर्कसंगत नहीं हैं, जिससे आज प्रदेश भर में लाखों गैर कृषक हिमाचलियों में गहरा रोष है। सदस्यों ने बताया के जल्द ही प्रदेश भर में समिति में अधिक अधिक से प्रभावितों क ो जोड़ने का अभियान को तेज किया जाएगा। दूसरी ओर बैठक में   समिति के सदस्यता शुल्क भी 100 रुपए तय करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। वहीं सोलन इकाई के उपप्रधान राकेश गुप्ता ने कहा कि विदेशों में भी कुछ वर्ष उक्त देश में रहने के बाद देश द्वारा वहां की नागरिकता   व भूमि खरीदने की छूट दे दी जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में गैर कृषक हिमाचली परिवार कई पीढि़यों से प्रदेश में रह रहे हैं। लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद सरकार द्वारा सौतेला व्यवहार जारी है।   इसके अलावा सदस्यों ने सरकार से मांग करते हुए वर्तमान में धारा 118 में संशोधन करने की मांग को प्रमुखता से उठाया।