चिकित्सकों की हड़ताल पर वार्ता कल

By: Feb 5th, 2017 12:02 am

मुख्य सचिव से चर्चा के बाद एसोसिएशन तय करेगी रणनीति

शिमला — अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों के अधिकतर डाक्टर शनिवार को भी दो घंटे देरी से ओपीडी पहुंचे। इसके कारण मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा और  ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं।  वहीं सरकार की ओर से एचएमओए को पत्र जारी कर सात फरवरी को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन डाक्टरों ने वार्ता के निमंत्रण के बाद भी पेनडाउन स्ट्राइक जारी रखी है। इसके कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए अब मुख्य सचिव के साथ प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन की बैठक छह फरवरी (सोमवार) को होगी। एसोसिएशन के अध्यक्ष जीवानंद चौहान का कहना है कि उन्हें मुख्य सचिव से मिलने के लिए संदेश प्राप्त हुआ है। वार्ता के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह कई बार डाक्टरों से हड़ताल न करने की अपील कर चुके हैं और मांगों पर विचार करने का भी आश्वासन भी दे चुके हैं, लेकिन एसोसिएशन का कहना है कि महज आश्वासन पर वह अपना फैसला नहीं बदलेंगे। बहरहाल, सरकार और डाक्टरों के बीच चली आ रही यह खींचतान पिछले डेढ़ साल से जारी है। अक्तूबर 2015 में भी डाक्टरों ने इसी तर्ज पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ा था। एसोसिएशन के प्रेस सचिव सुशील ने कहा कि डाक्टर मांग कर रहे हैं कि मेडिपर्सन एक्ट को गैर जमानती बनाया जाना चाहिए। इसके साथ 4-9-14 का मामला जल्द सुलझाया जाए और वन टाइम रिलेक्सेशन को रद्द कर नई अधिसूचना जारी की जानी चाहिए। एसोसिएशन की मांग है कि डाक्टरों की तैनाती अनुबंध पर न करके एडहॉक पर की जानी चाहिए और पीजी डाक्टर कोटा वर्तमान 66 फीसदी से बढ़ाकर 90 फीसदी किया जाना चाहिए।


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