टीबी को जड़ से खत्म करेगी एफडीसी

By: Feb 4th, 2017 12:05 am

ऊना —  प्रदेश में टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के लिए एफडीसी (फिक्स्ड डोज कंबीनेशन) का शुभारंभ किया गया है। जिला भर में विशेष कार्यक्रम शुरू कर टीबी रोगियों की पहचान की जाएगी। टीबी रोगियों को चार मिश्रण की दवाई एक दवाई में समायोजित किया गया है। इससे मरीजों को ज्यादा दवाई की गोलियां खाने से निजात मिलेगी। हालांकि इससे पहले यह दवाई डाट्स के माध्यम से सप्ताह में तीन दिन लेनी होती थी, लेकिन अब यह दवाई मरीजों को हर रोज खिलाई जाएगी। टीबी रोगी को यह दवाई एफडीसी के तहत उसके वजन के हिसाब से चार श्रेणियों में दी जाएगी, जिसमें पहली श्रेणी 25 से 39 किलोग्राम भार वर्ग, दूसरी 40 से 54, तीसरी 55 से 69 तथा चौथी श्रेणी 70 किलोग्राम भार वर्ग से अधिक के लोगों के लिए है। फरवरी माह से मरीजों को वजन के श्रेणियों के अनुसार दवाइयां मिलेगी, जबकि पहले से टीबी की दवाई खा रहे मरीजों को यथावत रखा जाएगा तथा उनके लिए योजना में विशेष प्रावधान किया गया है। टीबी मरीज को उनकी सुविधानुसार उसके परिवार के सदस्य, जनप्रतिनिधि, आशा वर्कर या आंगनबाड़ी वर्कर्ज के द्वारा डाट्स के माध्यम से भी दी जाएगी। नई योजना के तहत टीबी मरीज को छह से आठ माह तक उपचार दिया जाएगा। इसके बाद छठे, 12वें, 18वें व 24वें माह तक दो साल तक फालोअप किया जाएगा।

ये हैं लक्षण

दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना, बलगम के साथ खून आना, छाती में दर्द होना, सांस फूलना, शाम के समय बुखार आना आदि टीबी के लक्ष्ण हैं।

दस स्वास्थ्य केंद्रों में मिल रही सुविधा

मुख्य चिकित्साधिकारी ऊना प्रकाश दड़ोच ने बताया कि जिला के 10 स्वास्थ्य केंद्रों क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, अंब, चिंतपूर्णी, दौलतपुर चौक, गगरेट, भदसाली, हरोली, बसदेहड़ा, थानाकलां व बंगाणा में टीबी रोग की निःशुल्क जांच की जाती है। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में नई तकनीक (जीन एक्सपर्ट मशीन) के द्वारा टीबी रोग की जांच की जाती है।


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