तेंदुए के हमले के घायलों को फौरी राहत नहीं

ऊना —  डठवाड़ा गांव में तेंदुए के हमले में घायल हुए वन कर्मियों के अलावा अन्य तीन लोगों को विभाग की ओर से कोई भी फौरी राहत मुहैया नहीं करवाई गई है। एक ओर जहां इस तरह दिल दहला देने वाली घटना होने पर पीडि़तों को प्रशासन, संबंधित विभाग की ओर से तुरंत ही फौरी राहत मुहैया करवाई जाती है, लेकिन तेंदुए के हमले में घायल हुए वन कर्मियों को विभाग की ओर अभी तक कोई भी फौरी राहत प्रदान नहीं की गई है। विभाग पूरी तरह से नाकाम प्रतीत हो रहा है। विभागीय अधिकारियों की माने तो तेंदुए के हमले में घायल हुए वन कर्मियों को अभी तक किसी प्रकार की भी फौरी राहत मुहैया नहीं करवाई गई है। लेकिन विभाग ने इस बारे में प्रक्रिया शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि घायल वन कर्मियों को जल्द ही फौरी राहत मिलेगी, लेकिन जो सुविधा समय पर ही नहीं मिल पाई उसका लाभ भी क्या है, जबकि वन विभाग, प्रशासन की ओर से घायलों को उसी समय फौरी राहत प्रदान करनी चाहिए थी। दिल दहला देने वाली इस घटना के दो पीडि़त आरओ राजेश ठाकुर, और वन रक्षा संजीव उपचाराधीन हैं। इसमें आरओ गंभीर घायल हैं, वहीं वन रक्षक का उपचार चल रहा है। दोनों को अस्पतालों से छुट्टी मिलने के लिए कुछ दिनों तक का समय लग सकता है, लेकिन उसके बावजूद वन विभाग अस्पताल में उपचाराधीन घायलों के अलावा अन्य घायलों को फौरी राहत नहीं मुहैया करवाई गई है। डीएफओ ऊना आरके डोगरा ने बताया कि घायलों को फौरी राहत मुहैया करवाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

तेंदुए को किसने मारी गोली

घायल तेंदुए को किसने गोली मारी अब तक इसका पता भी नहीं चल पाया है। तेंदुआ गोली लगने के बाद ही खूंखार बना था, जिसके चलते ही गुस्साए तेंदुए ने वन विभाग की टीम पर हमला किया। हालांकि विभाग इस बारे में जानकारी जुटाने में जुटा हुआ है, लेकिन इस बारे कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है, वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।