दूर होंगी सातवें वेतन आयोग की विसंगतियां

केंद्र ने जारी की अधिसूचना, आईपीएस-आईएफएस के साथ सामान्य कर्मियों को लाभ, पंजाब के बाद हिमाचल में होना है फैसला

शिमला— केंद्रीय कार्मिक व पेंशन मामलों के मंत्रालय ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद अब एक और अधिसूचना जारी की है। इसके तहत सातवें वेतन आयोग में जिन विसंगतियों को लेकर आईपीएस, आईएफएस के साथ-साथ कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग आपत्ति जता रहा था, उसे दूर करने के लिए यह अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना पत्र संख्या 11/2/2016/जेसीए भारत सरकार के तहत कहा गया है कि छठे वेतन आयोग के तहत जो सिफारिशें संबंधित कैडर को लेकर की गई थीं, उन्हें लागू किया जाना आवश्यक है। यानी वन विभाग में हॉफ के लिए जो वेतनमान व नियम लागू हैं, उन्हें उसी कैडर के अधिकारियों के लिए भी लागू किया जाना लाजिमी है। यही नियम आईपीएस के लिए भी लागू होंगे। यानी हॉफ का स्केल उसी के समरूप कैडर के अन्य अधिकारियों को भी दिया जाना लाजिमी होगा। मिसाल के तौर पर यदि हॉफ 1984 बैच का है तो उसी के समरूप अन्य अधिकारियों को भी यह स्केल देना होगा। भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों को भी यह नियम निर्धारित होंगे। यही नहीं, यह नियम व मापदंड सभी विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए होरिजोंटल व वर्टिकल तरीके से लागू किए जाने अनिवार्य होंगे। बाकायदा इसके लिए केंद्र सरकार ने विसंगति कमेटी का गठन किया था, जिसके बाद सिफारिशें पेश करने के बाद यह अधिसूचना जारी की गई है। हालांकि पंजाब व हिमाचल में अभी तक सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की जा सकी हैं, क्योंकि पंजाब ने चुनावों से पहले वेतन आयोग को सिफारिशें पेश करने के लिए निर्देश तो दिए थे, मगर रिपोर्ट अभी तक नहीं आ सकी है। अब वहां नई सरकार के गठन के बाद यदि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो हिमाचल भी उसका अनुसरण करेगा। जाहिर तौर पर यहां के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी ताजा अधिसूचना के ही अंतर्गत लाभ मिलेंगे।

प्रदेश की आर्थिकी कमजोर

हिमाचल की कमजोर वित्तीय स्थिति के चलते चर्चा यही है कि प्रदेश में इसकी सिफारिशें मौजूदा सरकार बमुश्किल ही लागू करे, क्योंकि पंजाब वेतन आयोग को रिपोर्ट करने में जहां समय लग सकता है, वहीं नई सरकार को इसकी सिफारिशें लागू करने के लिए नए सिरे से खजाना भी खंगालना होगा। ऐसी ही कुछ स्थिति हिमाचल में भी रहेगी।