दृष्टिहीनों का आमरण अनशन खत्म

सीएम वीरभद्र सिंह के आश्वासन के बाद संघ का फैसला; कहा, 17 तक चर्चा न हुई तो फिर आंदोलन

शिमला  —  दृष्टिहीनों ने सोमवार को आमरण अनशन खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आश्वासन पर दृष्टिहीनों ने यह आमरण अनशन तोड़ा है। वहीं दृष्टिहीनों ने धरने-प्रदर्शन को तब तक जारी रखने का फैसला लिया है, जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है। सोमवार को दृष्टिहीनों का एक प्रतिनिधिमंडल संघ के महासचिव शोभू राम की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिला। महासचिव शोभू राम ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें दो दिन के भीतर बैठक कर मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है, जिस पर संघ ने आमरण अनशन खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि संघ ने बैठक में सभी सचिवों के साथ बैठक कर मांगे पूरी करने का पक्ष रखा है। अगर 16-17 फरवरी तक बैठक कर उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो उक्त तिथि के बाद दृष्टिहीन फिर से सड़कों पर उतर जाएंगे। महासचिव शोभू राम ने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक मांगों को लेकर शिमला से किया जा रहा धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। लंबित मांगों को पूरा करने के लिए दृष्टिहीन लंबे समय से आंदोलनरत हैं। आमरण अनशन से पहले दृष्टिहीन 163 दिन तक क्रमिक अनशन भी कर चुके हैं, जबकि अभी भी शिमला में धरना-प्रदर्शन जारी है।

14वें दिन तोड़ा अनशन

दृष्टिहीन 31 जनवरी से (14वें दिन) आमरण अनशन पर हैं। सोमवार को सीपीएस नंद लाल ने आईजीएमसी पहुंचकर अनशन पर बैठे दृष्टिहीनों को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। मांगों को लेकर कांगड़ा के सूरज शर्मा व मंडी से दयावंत आमरण अनशन पर बैठे हुए थे।