नम आंखों से लाड़लों को विदाई

By: Feb 4th, 2017 12:03 am

बैहल में सीआरपीएफ  जवान का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

newsस्वारघाट – सीआरपीएफ की 76 बटालियन जम्मू में तैनात विकास खंड स्वारघाट के बैहल क्षेत्र से संबंध रखने वाले जवान कांस्टेबल शिव कुमार  की गुरुवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शुक्रवार सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। गौर हो कि हादसे के समय जवान ड्यूटी पर तैनात था। इसी दौरान अचानक उसे गोली लग गई। हालांकि जवान की संदिग्ध मौत अभी तक परिजनों व क्षेत्रवासियों के लिए रहस्य बनी हुई है, लेकिन प्रारंभिक दृष्टि से पता चल रहा है कि जवान की मौत गोली लगने से ही हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जम्मू पुलिस ने इस संबंध में  धारा 174 के तहत मामला दर्ज कर आगामी छानबीन शुरू कर दी है। उक्त जवान की मौत की खबर सुनते ही पूरे बैहल क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है तथा मृतक जवान के गांव कौड़ावाली में मातम का माहौल छा गया। शुक्रवार को मौत के बाद मृतक जवान शिव कुमार का  शव  पैतृक गांव कौड़ावाली लाया गया। शुक्रवार  सुबह करीब 11 बजे लगभग पांच सौ से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया। जवान की मौत से पूरा गांव गमगीन है। नयना देवी विधानसभा  के विधायक रणधीर शर्मा भी शोक में शरीक हुए। शव के साथ आए सीआरपीएफ की 76 बटालियन जम्मू के सब-इंस्पेक्टर लालमन की अगवाई में आई सीआरपीएफ  जवानों की टुकड़ी, डीएसपी हैडक्वार्टर नयना देवी बलदेव दत्त व पुलिस थाना कोट के एसएचओ राम सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल  ने गार्ड ऑफ ऑनर की सशस्त्र सलामी दी। स्थानीय प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार स्वारघाट दौलत राम ठाकुर शोक में शामिल हुए।  शिव कुमार हाल ही में महीने की छुट्टी बिताने घर आया था और 23 जनवरी को ही  वह वापस ड्यूटी पर चला गया था। शिव के भाई बहादुर सिंह ने बताया कि बुधवार  सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे उन्हें सीआरपीएफ  जम्मू बटालियन से फोन आया कि उसके भाई की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है।

एसएसबी जवान की देह पहुंचते ही फफक-फफक कर रो पड़ा दाड़ी

newsचैलचौक, गोहर – चच्योट तहसील के दाड़ी गांव के शहीद धनदेव की पार्थिव देह का चार दिन बाद शुक्रवार को पैतृक श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। तिरंगे में लिपटे शव को देख कर हर किसी की आंख नम हो गई। यही नहीं धनदेव की मौत के कारणों को लेकर उठी बातों से गुस्साए परिजनों व लोगों के विरोध व गुस्से का सामना भी एसएसबी जवानों को करना पड़ा। शहीद के बेटे रविंद्र कुमार, भाई पूर्ण चंद और दामाद गोपाल चंद ने पहले तो शव को लेने से इनकार ही कर दिया और मौत के असली कारण पूछते रहे। स्थानीय लोग व विधायक विनोद कुमार की अगवाई में एसएसबी जवानों से धनदेव की मौत का कारण बताने पर अड़े रहे और शव को सेना की गाड़ी से नीचे उतारने नहीं दिया गया, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि एसडीएम गोहर राघव शर्मा और विधायक विनोद कुमार के हस्तक्षेप के बाद सेना के वाहन से शव को नीचे उतारा गया। मौके पर एसडीएम गोहर राघव शर्मा मौके पर पहुंचे और उन्होंने उग्र परिजनों और ग्रामीणों को शांत किया और एसएसबी के कमांडेंट एसआर गुप्ता से दिल्ली मोबाइल पर बात की। कमांडेंट ने एसडीएम गोहर को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर जांच कर धनदेव की मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा। वहीं, धनदेव के शव को लेकर आए अधिकारियों ने बताया कि धनदेव की मौत पोस्टमार्टम के अनुसार हैडइंजरी होने से हुई है। हालांकि मामले की जांच जारी है। जिसके बाद धनदेव का पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव दाड़ी पहुंचाया गया। शहीद का दाड़ी गांव स्थित कुनालटा श्मशानघाट पर शहीद धनदेव का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर उसे अंतिम विदाई दी गई। शहीद की पार्थिव देह को उनके बेटे ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर युकां नेता संजू डोगरा, तहसीलदार गोहर मुंशी राम, एसएचओ चांद किशोर समेत सैकड़ों लोगों ने शहीद सब इंस्पेक्टर धनदेव को अंतिम विदाई दी। वहीं गुस्साए लोगों ने ने दो टूक चेतावनी दी कि अगर मामले की सीबीआई जांच नहीं की गई तो चक्का जाम किया जाएगा ।


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