नालागढ़ में गूंजे संस्कृत तराने

नालागढ़ —  नालागढ़ के गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित दस दिवसीय संस्कृत भाषा बोधन वर्ग का गुरुवार को समापन हो गया। शिविर के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संस्कृत भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष भक्त वत्सल शर्मा ने शिरकत की। मुख्यातिथि द्वारा समापन समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुकुल स्कूल के एमडी चंद्रशेखर अवस्थी ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में वर्गार्थियों ने सरस्वती वंदना व वैदिक मंत्रों को उच्चारण किया और संस्कृत भाषा में नाटक, भाषण, नाटी, भजन व गीत प्रस्तुत किए। इस अवसर पर वर्ग संयोजक पं प्रेम शर्मा, विहिप के संरक्षक हितचिंतक मास्टर सुरेंद्र शर्मा, मुख्य शिक्षिका राधा, प्रदेश संगठन मंत्री नरेंद्र कुमार, प्रांत संपर्क प्रमुख महेश्वर दत्त, पवन, सरोज चौहान, शिप्रा,संजीव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि भक्तवत्सल शर्मा ने संस्कृत भाषा के महत्त्व पर प्रकाश डाला ओर कहा कि संस्कृत का हमारे व्यवहार में होना अनिवार्य है। उन्होने कहा कि संस्कृत भाषा में लिखे ग्रंथ, उपनिषद, वेद, रामायण, महाभारत आदि ज्ञान के सागर है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता, समरसता व अखंडता के लिए संस्कृत का होना अति आवश्यक है। वर्तमान में संस्कृत व विज्ञान के मिलने से ही हमारा देश उन्नति के  शिखर पर पहुंच सकेगा। संस्कृत भारती के क्षत्रिय संगठन मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि आज के युग में संस्कृत भाषा के प्रचार व प्रसार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष की प्राणभूत, समृद्ध संस्कृति संस्कार, जीवन मूल्यों का पग-पग पर मार्गदर्शन करने वाले विज्ञान, गणित, योग दर्शन के प्राचीन ज्ञान भंडार में संस्कृत भाषा का स्थान सर्वोपरि है।