निजी स्कूलों की मनमानी पर सीएम को ज्ञापन

परवाणू  – परवाणू में निजी स्कूलों  की मनमानी के खिलाफ  आज युवा इंटक हिमाचल प्रदेश के प्रधान यशपाल ठाकुर की अध्यक्षता में सहायक आयुक्त परवाणू के माध्यम से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर युवा इंटक के पदाधिकारी व नगर परिषद के ठाकुर दास शर्मा ज्ञापन सोपने के समय मौजूद थे। ज्ञापन में उन्होंने प्रदेश में बड़ी संख्या में निजी स्कूल खुल रहे। इनमें से कई स्कूल इसे है, जिन्हें शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त नहीं है। पहले यह स्कूल शहरी क्षेत्र तक ही सीमित थे, लेकिन अब इन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पैर फैलाना शुरू कर दिए दिए है। इनमें से अधिकतर स्कूल किराए पर लिए दो या तीन कमरों में चल रहे है, उनके पास न तो खेल मैदान है, न सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा कर पा रहे है। ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले लोगों को अपने झांसे में लेकर फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलबाड़ कर रहे है। इन स्कूलों में अपनी मनमर्जी से हर साल मासिक फीस में बढ़ोतरी कर देते है, यह बढ़ोतरी हजारों में होती है, मासिक फीस के लिए प्रदेश स्तर पर एक ऐसी व्यवस्था  बनाए जाए, ताकि आम गरीब लोगों को इनकी लूट से बचाया जा सके। निजी स्कूलों में हर वर्ष नए बच्चों के साथ पहले से पढ़ रहे बच्चों से भी दाखिला फीस के नाम पर पांच से 20 हजार की राशि वसूल की जा रही है, जो कि नियमों के खिलाफ  है। निजी स्कूल समय-समय पर अभिभावकों से भवन पुस्तकालय वार्षिक समारोह फोटोग्राफी प्रयोगशाला फीस बुक वह पहचान पत्र के नाम पर फीस वसूली जा रही है।निजी स्कूल किताब पेंसिल व् वर्दी के नाम पर अभिभावकों को लूट रहे है। अधिकतर स्कूल अपनी उक्त सामग्री के लिए दुकानंे तक तय कर रखी है, जहां अभिभावकों को खरीददारी करनी पड़ती है। स्कूलों ने इन दुकानों से मोटी रकम कमीशन तय कर रखी है ।निजी स्कूल बच्चों को लाने ले जाने के लिए निजी वाहन हायर किए है, जो कि कानून के नियमों का भी उल्लंघन कर रहे है। इनमें मनमर्जी से किराया वसूल किया जाता है, इसलिए निजी स्कूलों पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे व राज्य स्तर पर एक समिति का गठन कर एक समान फीस तय करने की मांग की।