नौजवान पाएंगे खेतीबाड़ी की ट्रेंनिंग

कौशल विकास योजना के तहत तैयार होंगे कृषि प्रसार सेवा प्रदाता

पालमपुर —  केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को लेकर पहल दिखाते हुए प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय ने कृषि प्रसार सेवा प्रदाता तैयार करने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। इसके तहत युवाओं की कृषि क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने के लिए उनको विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना के तहत युवाओं को 200 घंटे यानी 25 दिनों तक आठ घंटे रोजाना प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। कृषि विज्ञान केंद्रों में युवाओं को फसलोत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन, फलोत्पादन, फसल संरक्षण, सब्जी व बीज उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद इन युवाओं को बाकायदा परीक्षा से गुजरना होगा। प्रशिक्षित व परीक्षा पास करने वाले युवाओं को प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। पहले चरण में कृषि विज्ञान केंद्र मंडी और बरठीं में प्रशिक्षण का आगाज कर दिया गया है। जहां पर युवाओं को मशरूम उत्पादन की बारीकियां समझाई जा रही हैं, वहीं दलहनी फसलों, खाद्यान्न व सब्जियों का गुणवत्तायुक्त बीज तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां से दो सौ घंटे का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इन युवाओं को भारतीय कृषि कौशल परिषद की परीक्षा पास करनी होगी। अब कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा में भेड़पालन से संबंधित प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।

क्या है कौशल विकास योजना

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए एक प्रमुख योजना है। इसके तहत पाठ्यक्रमों में सुधार, बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षित शिक्षकों पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अंतर्गत देश के 24 लाख युवाओं को विभिन्न उद्योगों से संबंधित स्किल ट्रेनिंग पाने का अवसर मिलेगा। स्किल ट्रेनिंग पाने वाले युवाओं को सरकार द्वारा आर्थिक इनाम भी मिलेगा। ट्रेनिंग खत्म होने पर इन युवाओं को सरकार की ओर से एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो उन्हें रोजगार पाने और भविष्य संंवारने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत मुख्य रूप से श्रम बाजार में पहली बार प्रवेश कर रहे लोगों पर जोर होगा और विशेषकर स्कूल छोड़ चुके छात्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।