पड्डल में बिखरेंगे लिखणू के रंग

मंडी —  अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि के अवसर पर होने वाली देवध्वनि में इस बार मंडी की प्राचीन व लुप्त हो चुकी कला लिखणू व डहर के भी दर्शन होंगे। 27 फरवरी को पड्डल मैदान में जहां देवध्वनि का आयोजन किया जाना है, वहीं इस दिन दर्जनों महिलाएं गोबर लिपाई से तैयार किए गए पड्डल मैदान के एक हिस्से पर लिखणू और डहर की कलाकारी बिखेरेंगी। इसके साथ ही इसे रंगोली से भी सजाया जाएगा। उपायुक्त संदीप कदम ने लिखणू और डहर को फिर से जिंदा करने के लिए यह नया प्रयास करने का निर्णय लिया है। अगर बारिश से मैदान प्रभावित नहीं हुआ तो देव ध्वनि के साथ ही लिखणू के रंग भी दिखेंगे। इस अवसर पर मंडी जिला से संबंधित विभिन्न महिला मंडलों की महिलाओं द्वारा परंपरागत लिखणू, डहर और रंगोली तैयार की जाएगी, जिसमें प्राकृतिक रंगों जैसे लोस्टी, मकोल, पठावा आदि का उपयोग किया जाएगा। इस तरह के लिखणुओं के माध्यम से महिलाएं अपनी कल्पनाशीलता के साथ-साथ कला के प्रति सौंदर्यबोध की झलक भी दिखलाएंगी। लिखणू अकसर विशेष अवसरों पर बनते हैं, लेकिन अब यह परंपरागत कला लुप्त होती जा रही है। वहीं पिछले वर्ष भी मंडी प्रशासन ने मंडी कलम को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के साथ जोड़ कर फिर से जीवित किया, जबकि इस बार प्रशासन ने लिखणू को नया रूप व जन्म देने का प्रयास किया है। उधर, उपायुक्त मंडी संदीप कदम ने बताया कि इस बात का प्रयास किया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा और मौसम ने साथ दिया तो पड्डल में देव ध्वनि के दिन यह आयोजन भी किया जाएगा।

मुख्य गेट पर भी लिखणू-डहर

शहर में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर बनने वाले गेट पर भी लिखणू के रंग दिखेंगे। प्रशासन ने कुछ जगहों पर गेट पर लिखणू व डहर के डिजाइन प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है।