बंदरों से नाहन के लोग तंग

By: Feb 1st, 2017 12:05 am

नाहन —  जिला मुख्यालय नाहन में बंदरों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा होने के चलते नाहन शहर के लोग खासे परेशान हैं। आलम यह है कि नाहन शहर में जिधर भी नजर दौड़ाओ उधर ही उत्पाती बंदर नजर आते हैं। नाहन शहर में बंदरों ने लोगों की नाक में दम करके रखा हुआ है। हालत यह है कि बंदरों की वजह से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, क्योंकि कई बार यह शरारती बंदर लोगों को काटने को दौड़ते हैं। गौर हो कि कुछ माह पहले ही इन शरारती बंदरों की वजह से नाहन शहर के पूर्विया मोहल्ला की एक महिला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। यही नहीं नाहन शहर में बंदर के काटने के और भी कई मामले प्रकाश में आए हैं। इसके अलावा यह शरारती बंदर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की छतों पर उछल कूद करते रहते हैं, जिसकी वजह से लोगों का अपने घरों की छतों पर जाना मुहाल हो गया है। इन उत्पाती बंदरों की वजह से लोगों को अपने कपड़े धोकर छत पर डालने मुश्किल हो जाते हैं, क्योंकि कई बार बंदर लोगों के कपड़ों को फाड़ देते हैं या फिर उन्हें कहीं ओर ले जाकर फैंक देते हैं। इन उत्पाती बंदरों की वजह से सबसे ज्यादा मुश्किल छोटे बच्चों व महिलाओं को झेलनी पड़ती है, क्योंकि बंदर बच्चों व महिलाओं को एक दम डराकर उनके हाथ से सामान छीन लेते हैं। इसके अतिरिक्त बंदर लोगों की छतों पर लगी पानी की टंकियों को भी अपना निशाना बनाते हैं। हालत यह है कि बंदर लोगों की टंकियों के ढक्कन या तो खोल देते हैं या फिर तोड़ देते हैं और सारा दिन लोगों की टंकियों में मुंह मारकर टंकी के पानी को गंदा कर देते हैं। नाहन शहर की अरुण प्रभा, तेजवीर जसवाल, सुरेंद्र जसवाल, निर्मला, प्रदीप, शमशाद खान, किरण, दीपा, राज व विक्की आदि स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों ने उनका जीना मुहाल कर दिया है, क्योंकि वह बंदरों की वजह से घर में कैद होकर रह गए हैं। इन लोगों का कहना है कि बंदरों के डर के मारे वह अपनी छतों पर बैठकर धूप तक नहीं सेंक पाते हैं, क्योंकि बंदर इतने खतरनाक हो चुके हैं कि वह एकदम काटने को दौड़ते हैं। शहर के लोगों ने प्रदेश सरकार व प्रशासन से मांग की है कि इन बंदरों को पकड़कर या तो इनकी नसबंदी की जाए या फिर जंगलों में छोड़ दिया जाए, ताकि वह बंदरों के आतंक से बच सके।


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