बिना इंश्योरेंस पोलीहाउस योजना फेल
ऊना — कृषि विभाग की वाईएस परमार पोलीहाउस योजना में इंश्योरेंस न होने के कारण किसान योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में पोलीहाउस बनाने वाले किसानों को सरकार की ओर से किसी भी कारणवश नष्ट होने पर इंश्योरेंस का प्रावधान नहीं है, जिसके चलते किसान अब इस योजना का लाभ उठाने से मुंह मोड़ने लगे हैं। इस योजना में खास बजह यह भी सामने आई है कि किसान द्वारा सरकारी अनुदान में पोलीहाउस निर्माण करने के बाद अंधड़-तूफान से पोलीहाउस की शीट नष्ट हो जाने पर शीट को पुनः निःशुल्क लगाने का कोई प्रावधान नहीं है, जिसके चलते किसानों को अपने खर्चे पर ही शीट लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऊना में वाईएस परमार पोलीहाउस योजना के तहत सैकड़ों आवेदन जिला के पांचों विकास खंड ऊना, अंब, हरोली, गगरेट व बंगाणा में आए हैं। इन आवेदनों पर की औपचारिकताएं पूरा करते हुए विभाग ने वर्ष 2015-2016 में 48 आवेदन स्वीकृत किए हैं, जिनमें 24999 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में पोलीहाउस का निर्माण किया जा रहा है। विभाग के अनुसार इन आवेदनों पत्रों को अंतिम रूप देते हुए इन वर्षों में 48 किसानों ने अलग-अलग स्क्वेयर मीटर के पोलीहाउस स्थापित किए हैं, जिनमें किसान बाकायदा प्रशिक्षण प्राप्त कर इन पोलीहाउस का प्रयोग करने में दिलचस्पी लेने लगे हैं, लेकिन करीब चार वर्ष पहले पोलीहाउस लगाने की योजना में इंश्योरेंस की सुविधा को हटा दिया गया था, जिसके चलते किसान अब पोलीहाउस को लगाने से किनारा करने लगे हैं, वहीं पोलीहाउस शीट प्राकृतिक आपदाओं के चलते आए खराब हो जाती है या फिर फट जाती है, लेकिन संबंधित कंपनी की ओर से किसानों के लिए इस शीट को निःशुल्क बदलने के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
सामान बदलने का कोई प्रावधान नहीं
कृषि उपनिदेशक ऊना यशपाल चौधरी ने बताया कि वाईएस परमार योजना के अंतर्गत विभागीय नियमों के तहत किसानों को 85 फीसदी अनुदान देकर लाभ पहुंचाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत पोलीहाउस की इंश्योरेंस नहीं है और न ही प्राकृतिक कारणों से शीट खराब होने पर दोबारा बदलने का प्रावधान है।
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