बोबर स्कूल बना आदर्श

सुंदरनगर —  उपमंडल सुंदरनगर की राजकीय माध्यमिक पाठशाला फागला स्थित बोबर कई मायनों में खास बनकर उभरा है। आज से तीन वर्ष पहले जहां यह स्कूल दयनीय हालत में था, वहीं आज यह स्कूल सरकारी क्षेत्र में चलने वाले अन्य स्कूलों के लिए एक आदर्श पाठशाला के रूप में विकसित हुआ है। कभी शौचालय के लिए तरसता स्कूल आज आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यही नहीं, स्कूल के शिक्षक 26 बच्चों को किताबी पढ़ाई के अलावा सामान्य ज्ञान बांटने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही शिक्षकों ने अपने स्तर पर बच्चों को राइटिंग अभ्यास पुस्तिकाएं और जनसहयोग से कम्प्यूटर उपलब्ध करवाए हैं। स्कूल स्टाफ, स्कूल प्रबंधन समिति व स्थानीय गांववासियों ने आगे आकर स्कूल के बच्चों को बेहतर सुविधाएं जुटाने का प्रण लिया, जिसकी बदौलत आज स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अन्य सरकारी मिडल स्कूलों की तुलना में अलग सुविधाएं मिल पा रही हैं। स्कूल की विशेषताओं की बात करें, तो हरेक कक्षा में व्हाइट बोर्ड उपलब्ध है। बिना धूल के रंग-बिरंगे मार्कर का प्रयोग किया जाता है। यही नहीं स्कूल में खेल मैदान नहीं था। स्कूल स्टाफ ने अपने खर्चे पर स्कूल की भूमि पर एक मैदान का निर्माण करवाया।

शिक्षक ने पुरस्कार राशि से लगवाए पंखे

स्कूल के टीजीटी शिक्षक डा. राकेश शर्मा शुरू में अपना लैटपटॉप व टैब स्कूल ले जाकर बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा प्रदान करते रहे। इसके बाद रोटरी क्लब सुंदरनगर के सहयोग से स्कूल में बच्चों के लिए कम्प्यूटर की व्यवस्था की गई। यही नहीं बाद में डा. राकेश शर्मा को रोटरी क्लब द्वारा सर्वश्रेष्ठ अध्यापक के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। राकेश को जो पुरस्कार राशि मिली थी, उससे स्कूल के लिए पंखे खरीद कर लगाए गए।