मुड़ने वाला तीरकमान बना शान

चंडीगढ़ – सूरजकुंड मेले में राजस्थान के कारीगरों द्वारा बनाए गए तीरकमान युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। राजस्थान के बांसवाड़ा से ताल्लुक रखने वाले  रामलाल ने बताया कि वह इस मेले में पहली बार आए हैं। उन्होंने हरियाणा के युवाओं में तीरअंदाजी को लेकर इतना क्रेज पहली बार देखा है। उनके परिजनों ने तीरकमान बनाने का काम सालों पहले शुरू किया था। उनके भाई ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। उन्होंने मुड़ने वाला धनुष बनाया, जो कि तीन परतों में फोल्ड किया जा सकता है। इसे मोड़कर कहीं भी रखा जा सकता है। आजकल मार्केट में कई तरह के तीरकमान आने लगे हैं, लेकिन वह आज भी बांस, शीशम व सागवान की लकड़ी के साथ इनको बनाते हैं। वह तीरकमान कमान बनाने के लिए बांस को नागालैंड से मंगवाते हैं। रामलाल ने बताया कि तीरकमानों का राजस्थान की धरती से गहरा ताल्लुक है। राजस्थान वीरों की धरती है और युद्ध में तीरकमान का विशेष तौर पर प्रयोग किया जाता है।