मेहनत का महत्त्व

राहुल ने वह कप खरीद लिया और घर चला गया। रात को भी वह कप अपने साथ ले बिस्तर पर लेट गया और देखते-देखते उसे नींद आ गई। वह गहरी नींद में सो रहा था कि तभी उसे एक आवाज सुनाई दी…

राहुल एक समझदार लड़का था, लेकिन वह पढ़ाई के मामले में हमेशा मेहनत करने से बचता था। एक बार जब उसका पसंदीदा कप टूट गया, तो मां ने उसे बाजार से खुद जाकर एक अच्छा कप लाने को कहा।  वह मन ही मन खुश हो रहा था कि चलो इसी बहाने उसे बाहर जाने का मिलेगा और उतनी देर कोई पढ़ने के लिए नहीं कहेगा। वह पास के बाजार में पहुंचा और इधर-उधर कप खोजने लगा। वह जो भी कप उठाता उसमें कोई न कोई कमी होती। काफी खोजने पर भी उसे कोई अच्छा कप नहीं दिखाई दिया। तभी उसकी नजर सामने दुकान में रखे एक पीले रंग के कप पर पड़ी। उसकी चमक और खूबसूरती देख राहुल खुश हो गया और झट से दुकानदार से वह कप लेकर देखने लगा। कप सच में बहुत अच्छा था। उसकी मजबूती, उसकी चमक, उसकी शानदार बनावट हर चीज परफेक्ट थी। राहुल ने वह कप खरीद लिया और घर चला गया। रात को राहुल ने उस कप में दूध पिया और अपने साथ ले बिस्तर पर लेट गया और देखते-देखते उसे नींद आ गई। वह गहरी नींद में सो रहा था कि तभी उसे एक आवाज सुनाई दी।

राहुल.राहुल…

राहुल ने देखा कि वह कप उससे बातें कर रहा है। कप- मैं जानता हूं कि मैं तुम्हंे बहुत पसंद हूं। पर क्या तुम जानते हो कि मैं पहले ऐसा नहीं था। राहुल- नहीं, मुझे नहीं पता तुम्हीं बताओ कि पहले तुम कैसे थे। कप- एक समय था, जब मैं मामूली लाल मिट्टी हुआ करता था। फिर एक दिन मेरा मास्टर मुझे अपने साथ ले गया। उसने मुझे जमीन पर पटक दिया और मेरे ऊपर पानी डाल कर अपने हाथों से मुझे मिलाने लगा। मैं चिल्लाया कि अब बस करो, लेकिन वह कहता रहा, अभी और अभी और मैंने बहुत कष्ट सहे। जब वह रुका तो मुझे लगा कि बस, अब जो होना था हो गया। अब मैं पहले से काफी अच्छी स्थिति में हूं, लेकिन यह क्या, उसने मुझे उठाकर एक घूमते हुए चक्के पर फेंक दिया। वह चक्का इतनी तेजी से नाच रहा था कि मेरा तो सिर ही चकरा गया। मैं चिल्लाता रहा। अब बस। मास्टर अपने हाथ और डंडे से मुझे आकार देता रहा, जब तक कि मैं एक कप के शेप में नहीं आ गया। खैर! सच कहूं तो पहले तो मुझे बुरा लग रहा था, लेकिन अब मैं खुश था कि चलो इतने कष्ट सह कर ही सही अब मैं अपने जीवन में कुछ बन गया हूं।  उस लाल मिट्टी के रूप में मेरी कोई वैल्यू नहीं थी। लेकिन, मैं गलत था। अभी तो और कष्ट सहने बाकी थे। मास्टर ने मुझे उठाकर आग की भट्ठी में डाल दिया। मैंने अपने पूरे जीवन में इतनी गर्मी नहीं सही थी। ऐसा  लग रहा था मानो मैं वहीं जल कर भस्म हो जाऊंगा। और कुछ देर बाद मुझे भट्ठी से निकाल दिया गया। अब मैं अपने आप को देखकर हैरान था। मेरी ताकत कई गुना बढ़ गई थी। मेरी मजबूती देखकर मास्टर भी खुश था, उन्होंने मुझे फौरन रंगने के लिए भेज दिया और मैं अपने इस शानदार रूप में आ गया। सचमुच, उस दिन मुझे खुद पर इतना गर्व हो रहा था जितना पहले कभी नहीं हुआ था। हां, यह भी सच है कि उससे पहले मैंने कभी इतनी मेहनत नहीं की थी। इतने कष्ट नहीं सहे थे, लेकिन आज जब मैं अपने आप को देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मेरा संघर्ष मेरी मेहनत बेकार नहीं गई। आज मैं सिर ऊंचा उठा कर चल सकता हूं। आज मैं कह सकता हूं कि मैं दुनिया के सबसे अच्छे कपों में से एक हूं। राहुल सारी बातें बड़े ध्यान से सुन रहा था और जैसे ही कप ने अपनी बात पूरी की और राहुल की आंखें खुल गईं। आज सपने में ही सही, राहुल मेहनत का महत्त्व समझ गया था। उसने मन ही मन निश्चय किया कि अब वह कभी मेहनत से जी नहीं चुराएगा और अपने अध्यापक और माता-पिता के कहे अनुसार मन लगा कर पढ़ेगा और कड़ी मेहनत करेगा। बच्चो इस कहानी से हमें कड़ी मेहनत करने की सीख मिलती है, फिर चाहे वह पढ़ाई हो, खेल हो या कोई और चीज! आपने सुना भी होगा। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।