राजधानी में बिल्डिंगों की होगी जीआईएस मैपिंग

By: Feb 1st, 2017 4:39 pm

newsस्टाफ रिपोर्टर, शिमला
नगर निगम के तहत बने भवनों की लोकेशन का पता अब एक क्लिक पर लग सकेगा साथ ही यह जानना भी आसान होगा कि कहां पर अवैध निर्माण किया गया या कहां नियमों की उल्लंघना हो रहा है। इसके लिए भवनों की जीआईएस मैपिंग की जाएगी। पायलेट आधार पर यह प्रोजेक्ट शिमला के लोअर बाजार वार्ड से शुरू किया जा रहा है। इसके  लिए कंपनी ने सर्वे करना शुरू कर दिया है। अगर यहां पर प्रोजेक्ट सफल रहा तो पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। इसके बाद इन सेवाओं की मोबाइल ऐप भी तैयार की जाएगी। शहरी विकास विभाग आर्यभट्ट जिओ इंफोर्मेटिक्स एंड स्पेस एपलीकेशन सेंटर (एजीसेक) के साथ मिलकर विभाग की सेवाओं को भी ऑनलाइन करने की तैयारियां कर रहा है। इस प्रोजेक्ट को लेकर एजीसेक ने बुधवार को नगर निगम अधिकारियों के समक्ष इस बारे में प्रेजेंटेशन दी और बताया कि कैसे जीआईएस के जरिए भवनों की मैपिंग की जा सकती है।
प्रथम चरण में प्रापटी टैक्स का आकलन, भवनों की लोकेशन, नक्शा पास करवाना, लोगों को ऑनलाइन शिकायत करवाने के लिए लिंक उपलब्ध कराना, विभागीय रिपोर्टिंग सिस्टम, डेटा को ऑनलाइन अपडेट रखना, किसी सेवा के लिए आवेदन करना जैसे बिजली व पानी का कनेक्शन अथवा बिल जमा कराना व शहर में अवस्थित तमाम महत्त्वपूर्ण भवनों व कार्यालयों की जानकारी जैसी तमाम जानकारियां ऑनलाइन ही उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जाएंगी। योजना को शुरू करने के लिए सबसे पहले राजधानी शिमला के लोअर बाजार वार्ड को चुना गया है। यहां पर पहले चरण में हाउस टैक्स असेस्मेंट, बिजली पानी के बिल ऑनलाइन जमा कराने समेत तमाम सुविधाओं को ऑनलाइन करवाया जाएगा। इसके बाद इसे सभी वार्डों और फिर सभी निकायों में यह सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। इनमें नगर निगम व नगर निकायों से जुड़ी तमाम सुविधाएं जैसे नक्शा पास करवाने व एनओसी सहित अन्यों सुविधाओं का ऑनलाइन भुगतान भी किया जा सकेगा। शहरी विकास विभाग ने इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए काम शुरू कर दिया है ।

शिमला में भवनों की जीआईएस मैपिंग की जानी है। इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट लोअर बाजार में शुरू किया जा रहा है
प्रशांत सरकैक
संयुक्त आयुक्त, नगर निगम


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