लीनियर एक्सलरेटर से कैंसर ट्रीटमेंट

आईजीएमसी में लगेगी प्रदेश की पहली मशीन

शिमला  – शिमला के कैंसर अस्पताल में 15 करोड़ की लागत से नई लीनियर एक्सलरेटर मशीन लगेगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन को स्टेट पर्चेज कमेटी ने मंजूरी प्रदान कर दी है। अब जल्द ही इसके लिए वैटिंग की जाएगी। इस मशीन से कैंसर के मरीजों का आसानी से इलाज हो पाएगा। अब गंभीर अवस्था में भी कैंसर से पीडि़त किसी भी मरीज को हिमाचल से बाहर रैफ र नहीं किया जाएगा। प्रदेश में इस तरह की यह पहली मशीन लग रही है। जल्द ही अस्पताल में 15 एमबी की लीनियर क्सलरेटर मशीन लगाई जा रही है। इस मशीन से मरीजों के चेस्ट एक्स-रे, सीटी स्कैन, आईएमआरटी व आईबीपी किए जाते हैं। अन्य बीमारी का भी जल्द से पता लगाया जाता है। यह मशीन हाई एनर्जी के लिए भी इस्तेमाल की जाती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कैंसर के लक्षण समय रहते दिखने लगें, तो जरूरी उपाय करके इससे बचा जा सकता है। अगर कैंसर पहले स्टेज में है, तो आसानी से कीमोथैरेपी, लेजर थेरेपी और रेडियोथैरेपी द्वारा इसका इलाज करवाया जा सकता है। शरीर में विभिन्न प्रकार के कैंसर हो सकते हैं, जैसे मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल, पेट का कैंसर व ब्रेन आदि, लेकिन अगर इसके लक्षणों का पता नहीं चल पाता है तो कैंसर जानलेवा साबित हो सकता है। डाक्टर इस बीमारी से बचने के लिए इस मशीन का इस्तेमाल करेंगे।

ऐसे होता है इलाज

लीनियर एक्सलरेटर से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरा सैल खत्म करने के बजाय केवल कैंसर सैल को खत्म करता है। दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इसके लिए रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट का होना जरूरी है।