सिर्फ पर्चियां बन रहीं, इलाज को इंतजार

कुल्ल – डाक्टर साहब तूसे ता मांगे री तेंईए लागे सी केरदे हड़ताल, मरीजा रे हुई औखे दाही लाइया हालत खराब। कुछ इस तरह के शब्द क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में दूरदराज गांवों से उपचार के लिए आए मरीजों से सुनने को मिल रहे हैं। डाक्टरों की हड़ताल से मरीजों की हालत और भी ज्यादा खराब हो रही है। हड़ताल के चलते भगवान का रूप माने जाने वाले डाक्टर ही मरीजों की सेहत की परवाह नहीं कर रहे हैं। वहीं मरीजों का कहना है कि अगर डाक्टर ने समय पर ओपीडी में नहीं बैठना, तो मरीजों की पर्ची क्यों बनाई जा रही है। सोमवार को भी अस्पताल में चार-पांच सौ से अधिक पर्चियां बनाई गइर्ं, लेकिन डाक्टर हड़ताल के बाद पौने एक बजे तक ओपीडी में नहीं पहुंचे। यही इतने में लंच टाइम हो गया और फिर कई डाक्टरों के दोपहर बाद तक दर्शन नहीं हुए।

स्पेशलिस्ट छुट्टी पर, ओपीडी में ताले

क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में नेत्र रोग और हड्डी रोग ओपीडी में ताले लटके हुए हैं। विशेषज्ञ अवकाश पर चले गए हैं।  हड्डी रोग विशेषज्ञ के अवकाश पर चले जाने से मरीजों की हालत बहुत नाजुक बनी हुई है।  हड़ताल के बाद भी नहीं पहुंच रहे अस्तपाल की अन्य कई ओपीडी में भी डाक्टरों की लापरवाही दिखी। मरीज घंटों उपचार के लिए लाइन में खडे़ रहे।  क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में मरीजों के साथ आए तीमारदार सुनील, राजकुमार, सरिता, जमुना देवी का कहना है कि अस्पताल के डाक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। उनका कहना है कि हड़ताल साढे़ नौ बजे से लेकर साढे़ 11 बजे होती है, लेकिन डाक्टर साहब इनके बाद भी गायब होते हैं। लिहाजा, अस्पताल प्रबंधन लापरवाह  बना हुआ है।