सैनिक कैफे सुबह सील, शाम को स्टे

धर्मशाला रेस्तरां विवाद पहुंचा हाई कोर्ट, एसडीएम ने दिए थे सील करने के आदेश

धर्मशाला— सैनिक कैफे का विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला मुख्यालय धर्मशाला के सैनिक कैफे को सब-डिवीजनल अधिकारी के आदेशों के तहत बुधवार को सुबह सील कर दिया गया। हालांकि सैनिक कैफे पक्ष द्वारा जबकि बुधवार शाम को ही उक्त फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट से स्टे आर्डर ले लिया गया। कैफे को लेकर पुलिस जवानों और संचालक के बीच खूब हंगामा चल रहा है, वहीं अब हाई कोर्ट ने संचालक पक्ष की ओर से दायर की गई याचिका पर नौ जनवरी के आदेश पर स्टे देते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि नौ जनवरी को एसडीएम धर्मशाला ने सैनिक कैफे को खाली करने व किराए के बकाया 13 हजार वसूल करने के आदेश दिए थे। इसकी तामील करने के लिए 13 फरवरी को नायब तहसीलदार मौके पर पुलिस टीम सहित पहुंचे थे, लेकिन यहां संचालक पक्ष और कैफे संचालक के पक्ष में उतरे लोगों के विरोध के आगे प्रशासनिक टीम पूरी तरह से बेबस रही थी। 14 फरवरी को भी यही आलम रहा। हालांकि 14 फरवरी को ही संचालक स्टे लेने के लिए शिमला रवाना हो गया था। हालांकि बुधवार सुबह ही प्रशासनिक टीम ने कार्रवाई करते हुए सैनिक कैफे को सील कर दिया था। टीम बुधवार को भी नायब तहसीलदार के नेतृत्व में ही सैनिक कैफे पहुंची थी। उल्लेखनीय है कि 1990 में वार्ड ऑफ  एक्स सर्विस मैन को सैनिक कैफे बाकायदा एक एग्रीमेंट के तहत लीज पर मिला था। यह लीज एक साल के लिए थी, लेकिन बाद में इसका नवीकरण तो नहीं हुआ पर उससे लीज मनी बाकायदा ली जाती रही। हालांकि इस बीच 1997-98 में एक मर्तबा इसे खाली करवाने की कार्रवाई शुरू हुई थी, पर वर्ष 2001 में आए फैसले में रणजीत सिंह को राहत मिल गई थी। उसके बाद 2014 में फिर से इसे खाली करवाने की कार्रवाई शुरू हुई थी। उसी कार्रवाई के तहत नौ जनवरी को एसडीएम धर्मशाला ने इसे खाली करवाने का आदेश सुनाया था, जिस पर धर्मशाला स्थित कमिश्नर के पास एक अपील भी की थी, पर इस बीच एसडीएम धर्मशाला की कार्रवाई अमल में आनी शुरू हुई तो मामला हाई कोर्ट में चला गया है। उधर, कैफे पक्ष की अधिवक्ता मोनिका कश्यप का कहना है कि हाई कोर्ट से उन्हें स्टे आर्डर मिल गया है।