स्वर्ग से लौटे महार्षि गौतम-व्यास

मनाली —  42 दिनों के बाद स्वर्ग प्रवास से लौटे एतिहासिक गांव गोशाल के आराध्य देवों ने बुधवार को भविष्यवाणी की। देवताओं ने गुर के माध्यम से 2017 को मिला जुला बताया। कुमकुम व सेब के पत्ते निकलने से जहां ग्रामीण खुश दिखे वहीं कोयला निकलने ये एक बार फिर देवताओं ने आगजनी की घटना से आगाह कर दिया। स्वर्ग प्रवास से लौटे महाऋषि गौतम-महाऋषि व्यास व कंचन नाग द्वारा बुधवार को कुल्लू घाटी के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में दुनिया भर में होने वाले घटनाक्रम से अवगत करवाया गया। सुबह ही एतिहासिक गांव देव वाद्य यंत्रों से गूंज उठा। अपने आराध्यदेवों के स्वर्ग प्रवास से लौटने को लेकर उत्सुक ग्रामीणों व देवता के कारकूनों ने देव विधि पूर्वक देवता का स्वागत किया। दोपहर बाद देवता के कारकूनों ने बर्फ के फाहों के बीच देव वाद्य यंत्रों की धुन में देव विधि से कार्रवाई शुरू की। कारकूनों व देवलूओं के देवालय में पहुंचते ही गोशाल गांव का माहौल भक्तिमय हो उठा। कारकूनों व पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना के बाद विधि पूर्वक मृदा लेप को हटाया गया। मृदा लेप से जहां कुमकुम,  सेब के पत्ते निकलने से ग्रामीण खुश हुए वहीं बाल, पत्थर व कोयला निकलने से ग्रामीण चिंतित भी दिखे। देवता ने वर्ष 2017 दुनिया के लिए मिलाजुला बताया। उन्होंने बताया कि पत्थर व रेत कम मात्रा में निकला है जबकि कुमकुम व सेब के पत्ते अधिक निकले हैं जो सुखद है, लेकिन आगजनी व बाढ़ की घटना से भी लोगों को सचेत रहना होगा।

इस तरह हुई भविष्यवाणी

मृदा लेप से निकलने वाली वस्तु का देव समाज में अपना मतलब है। लोहड़ी के दिन देवलूओं ने मिट्टी छानकर पिंडी में मृदा लेप किया था, लेकिन जब आज इस मिट्टी को हटाया जो उसमें अनेकों चीजें निकली।