भत्ता तो ठीक, पर रोजगार कब मिलेगा
हिमाचल सरकार का 1000 रुपए बेरोजगारी भत्ता महज चुनावी लालच है। पिछले घोषणा पत्र में इसका वादा किया था, लेकिन दिया नहीं। बेहतर होता युवाओं को काम करने के प्रति प्रेरित किया जाता। बजट में प्रदेश सरकार की घोषणा पर ऐसी है कई नौजवानों की प्रतिक्रिया। हालांकि कइयों ने सराहा भी…
भूपेंद्र ठाकुर, सोलन
कम पैसे में कुछ भी नहीं किया जा सकता
सोलन के रहने वाले रिशभ का कहना है कि सरकार द्वारा बेरोजगारों को मात्र एक हजार रुपए भत्ता देने की बात कही है। महंगाई के इस दौर में एक हजार रुपए में तन ढकने को कपड़े तक नहीं खरीदे जा सकते हैं। इतने कम पैसे में कुछ भी नहीं किया जा सकता है।
सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा
गौरव का कहना है कि प्रदेश सरकार इस बेरोजगारी भत्ते पर करीब 600 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ेगा। कर्ज में डूबा होने के बावूजद सरकार ने इतना बड़ा फैसला लिया है, यह सराहनीय है।
भत्ता किस आधार पर तय किया गया
सोलन की रहने वाली पूजा का कहना है कि एक हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता किस आधार पर तय किया गया है। दस जमा दो पढ़े हुए शिक्षित युवा को भी एक हजार रुपए दिया जा रहा है और डिग्रीधारक को भी यही भत्ता दिया जा रहा है।
राशि चार-पांच हजार रुपए तक करें
अनु का कहना है कि बेरोजगारी भत्ते ही राशि अधिक होनी चाहिए, ताकि हमारे पढ़े-लिखे युवा दो समय की रोटी बिना किसी टेंशन न खा सकें। सरकार को चाहिए कि यह राशि चार से पांच हजार रुपए तक करें।
भविष्य तय करेगा लाभ
सोलन के अजय का कहना है कि बेरोजगारी भत्ता देने की बात बीते चार वर्र्षों से की जा रही है। चुनावी वर्ष में इस भत्ते को देना केवल यह लुभावना फैसला हो सकता है। यह आने वाले दिनों में ही पता चलेगा कि इसका कितना लाभ युवाओं को मिलने वाला है।
भत्ता देना सराहनीय कदम
सोलन के रहने वाले विपिन मेहता ने सरकार के बजट में युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने के कदम को सराहनीय बताया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार भत्ता सरकार ने बजट में युवाओं को देने की घोषणा कर दी है।
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