अगले महीने सभी को आटा-चीनी

डिपुओं में प्रदेश के एपीएल परिवारों के लिए फिर सुविधा

मटौर – तीन माह से डिपुओं में आटे से वंचित प्रदेश के लाखों एपीएल राशन कार्डधारकों के लिए राहत भरी खबर है। अप्रैल में उन्हें फिर से डिपुओं में आटा मिलना शुरू हो जाएगा। फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के गोदामों में गेहूं की सप्लाई शुरू हो चुकी है। बहुत जगहों पर तो सप्लाई पहुंच भी चुकी है। बता दें कि जनवरी में पंजाब ने कम उत्पादन की बात कहकर गेहूं की सप्लाई में कट लगा दिया था। ऐसे में प्रदेश सरकार ने एपीएल परिवारों के लिए डिपुओं में आटे की सप्लाई बंद कर दी थी। एपीएल कार्डधारकों को प्रति राशन कार्ड 13 किलो आटा हर माह साढ़े आठ रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से दिया जाता है। प्रदेश में एपीएल के लगभग 11 लाख 20 हजार परिवार हैं। गेहूं की सप्लाई में कट लगने से इतने परिवार प्रभावित हुए थे। उन्हें डिपुओं में आटा नहीं मिल पा रहा था। प्रदेश के नॉर्दर्न रेंज (कांगड़ा, चंबा, ऊना) की बात करें तो यहां एफसीआई के छह गोदाम हैं। एफसीआई के नॉर्दर्न रेंज के एरिया मैनेजर विशाल गुप्ता के अनुसार हमारे एफसीआई के गोदामों में 6300 मीट्रिक टन गेहूं और 5600 मीट्रिक टन चावल की सप्लाई पहुंच चुकी है। यह अप्रैल का कोटा है जो एडवांस में पहुंच जाता है।

प्रदेश सरकार डिपोधारकों को अपने दम पर देगी शूगर

शिमला – प्रदेश में लोगों को डिपुओं में सस्ती चीनी मिलती रहेगी। राज्य सरकार अपने स्तर पर लोगों को सस्ती चीनी देगी। सरकार ने अगले दो माह के लिए राशनकार्ड धारकों को मौजूदा दर पर ही चीनी उपलब्ध करवाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार द्वारा सबसिडी खत्म करने के बाद अप्रैल से केंद्र चीनी पर हिमाचल सहित सभी राज्यों को सबसिडी नहीं देगा। हालांकि केंद्र ने सभी राज्यों के लिए चीनी पर सबसिडी खत्म कर दी है, लेकिन इसका असर हिमाचल पर ज्यादा पड़ा है। जिन राज्यों में गन्ने की पैदावार बहुत ज्यादा है और चीनी मिल्ज हैं, वहां तुलनात्मक दृष्टि से चीनी सस्ती है। सरकार अप्रैल-मई में अपने स्तर पर डिपुओं में चीनी उसी रेट में देगी, जिस कीमत पर अभी मिल रही है। मौजूदा समय में राज्य सरकार बाजार से थोक भाव पर चीनी खरीदकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन डिपुओं में चीनी दे रही है। बीपीएल परिवारों को 13.50 रुपए प्रति किलो व एपीएल परिवारों को 19.50 रुपए प्रति किलो की दर से चीनी डिपुओं में दी जा रही है। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को 18.50 रुपए प्रति किलो की दर से सबसिडी इस पर दे रही है, वहीं कुछ सबसिडी हिमाचल भी दे रहा है।