एचपीयू में एसएफआई का धरना

शिमला – एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई द्वारा शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में काला दिवस मनाया गया। एसएसफआई ने यह काला दिवस 18 मार्च, 2015 को विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस द्वारा छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में किया गया। घटना पर विरोध जताने के लिए एसएफआई इकाई ने विवि परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। धरने में काफी संख्या में छात्रों के  विवि परिसर में एकत्र हो कर पुलिस की इस कु्ररतापुर्ण कार्रवाई की निंदा की। एसएफआई ने धरने के दौरान आरोप लगाए कि वर्ष 2014 मे जब विवि प्रशासन की और से फीस की दरों में वृद्धि की गई थी ओर छात्रों ने प्रदेश स्तर पर फीस वृद्धि के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया था। इसी कड़ी में एसएफआई द्वारा 18 मार्च, 2015 को विधानसभा का घेराव किया गया । छात्र विधानसभा पहुंचे तो उस समय छात्रों की आवाज को दबाने के लिए सरकार की ओर से पुलिस बल का दुरुप्रयोग कर छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज करवाया गया।  घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि छात्रों को अपने अधिकारों से वंचित कर लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र की हत्या किस तरह की गई है। एसएफआई अध्यक्ष प्रेम जसवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस घेराव के दौरान छात्र मांग कर रहे थे कि छात्र संघ चुनाव बहाल हो, फीस वृद्धि को वापस लिया जाए, रूसा बंद हो, लेकिन प्रदेश सरकार और विवि प्रशासन ने छात्रों की एक न सुनी और छात्रों के ऊपर लाठीचार्ज कर उन पर झुठे केस दर्ज किए गए। धरना- प्रदर्शन के दौरान एसएफआई ने ऐलान किया कि इस तरह की तानाशाही नहीं चलेगी और छात्रों को उनके हक मिलने ही चाहिए, फिर बात चाहे छात्र संघ चुनावों की बहाली की हो या फिर फीस दरों को कम करने की या फिर रूसा को वापस लेने की। इन सभी मांगों को लेकर एक बार फिर एसएफआई 28 मार्च को विधानसभा का घेराव करेगी।