किलों की बदलेगी काया

बिलासपुर —  बिलासपुर जिला में राजाओं के जमाने की त्यून और सरयून किलों का जल्द ही जीर्णाेद्धार किया जाएगा। इस बाबत पर्यटन विभाग की ओर से एक प्रोपोजल स्वीकृति के लिए सरकार को भेजी गई है और मंजूरी मिलने के बाद दोनों किलों को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए कवायद शुरू की जाएगी। खास बात यह है कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर पनोह से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इन पौराणिक किलों के जीर्णोद्धार से इन जगहों की महत्ता बढ़ेगी। जानकारी के मुताबिक कोठी ग्राम पंचायत के तहत त्यून और चलैहली ग्राम पंचायत के तहत सरयून धारों पर पौराणिक किले वर्तमान में जर्जर हालत में हैं। दोनों किलों के साथ तालाब भी हैं, जिनका अस्तित्व खतरे में है। उचित देखरेख के अभाव में धीरे-धीरे त्यून और सरयून का इतिहास मिटता जा रहा है। इसी के मद्देनजर रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी केडी लखनपाल ने टूरिज्म डिपार्टमेंट को किलों की वस्तुस्थिति से अवगत करवाया और पर्यटन लिहाज से किलों के जीर्णोद्धार के लिए प्लानिंग तैयार को लेकर आग्रह किया, जिस पर पर्यटन विभाग ने त्यून और सरयून किलों के जीर्णोद्धार की योजना तैयार की है। पिछले दिनों पर्यटन विभाग की टीम ने इन किलों का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार की है। केडी लखनपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को एक पत्र सौंपा गया था। उनसे आग्रह किया गया था कि फोरलेन के नजदीक होने के चलते राजाओं के जमाने के त्यून और सरयून किलों के जीर्णोद्धार के लिए योजनाएं क्रियान्वित की जाएं, ताकि यहां पर्यटन आकर्षण को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने बताया कि दोनों किलों के साथ पौराणिक तालाब भी हैं, जिन्हें पर्यटन लिहाज से विकसित किया जाएगा। किलों में पर्यटन आकर्षण बढ़ाने के लिए विभिन्न विकासात्मक योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। श्री लखनपाल के अनुसार इन किलों के लिए पक्के रास्तों का भी निर्माण होगा। इसके साथ ही सरयून के पास स्थापित हिडिंबा देवी मंदिर एरिया को भी विकसित किया जाएगा। मंदिर परिसर में बैंच लगवाने के साथ एरिया में सोलर लाइटें लगवाई जाएंगी, जिससे मंदिर परिसर निखरेगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य पर लगभग 60 से 70 लाख रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान है।

मुख्यमंत्री वीरभद्र के निर्देश पर तैयारी

उल्लेखनीय है कि त्यून और सरयून धारों पर किलों का अलग महत्त्व है। काफी ऊंचाई पर होने के चलते इन धारों से बच्छरेटू व जिला के अन्य क्षेत्रों को देखा जा सकता है। वर्तमान में खंडहर का रूप धारण कर चुके इन किलों का इतिहास मिटने लगा है। इसलिए केडी लखनपाल ने मुख्यमंत्री के समक्ष इनकी वस्तुस्थिति को रखा, जिस पर सीएम के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने त्यून और सरयून किलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए तैयार की है।