काबिलियत के दम पर खेल और अन्य क्षेत्रों में बनाई अनुपम पहचान
शिक्षा से लेकर राजनीति के मंच पर छा रही महिलाएं
भुंतर — देवभूमि कुल्लू की महिलाओं ने अपनी काबिलियत के दम पर हर क्षेत्र में अपने हुनर को दिखा नाम कमाया है। जिला की महिलाएं फिर चाहे वह प्रशासनिक हो, शिक्षा हो या फिर खेल का क्षेत्र, हर जगह अपना सिक्का जमा रही है। वहीं राजनीति के क्षेत्र में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिलाएं बढ़ती जा रही हैं। इसी के साथ महिलाएं स्वरोजगार में भी पीछे नहीं हैं। नीरू चांदनी जैसी गायिका ने कुल्लू का नया नाम दिया है तो खेलों में कनिका पराशर और गुलशन जैसी खिलाडि़यों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर नाम चमकाया है। प्रतिभा जंबाल ने समुद्र की गहराई में जाकर अपनी प्रतिभा दिखाई है। जिला कुल्लू की ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के नए साधन और संगठित होकर आय बढ़ाने को प्रेरित करने के लिए जिला विकास प्रबंधक उर्मिल लता की सराहनीय भूमिका ने गरीब महिलाओं का उत्थान किया है। जिला भाषा एंव संस्कृति विभाग अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया जिले की प्राचीन संस्कृति को लेकर एक बेहतर कार्य कर रही है। स्वास्थ्य विभाग में फूड इंस्पेक्टर अधिकारी भबीता टडंन भी बेहतर कार्य कर रही है। जिला में आपदा प्रबंधों की निगरानी करने के लिए डीडीएमए में तैनात प्रभारी हरकंचन कौर लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभा रही है। वहीं, नवनियुक्त जिला परिषद अध्यक्षा रोहिणी चौधरी भी जिलाभर के गांवों के विकास में अपना योगदान देने में आगे बढ़ना शुरू हो चुकी है। इसी के साथ नगर परिषद अध्यक्षा विमला मंहत भी कुल्लू शहर के विकास को लेकर कार्य कर रही है। मधुरवीणा, विद्या नेगी, सुदर्शना ठाकुर जैसी शख्सियत गैर-सरकारी क्षेत्र में महिलाओं और अपेक्षित वर्ग को न्याय दिलाने में सराहनीय कार्य कर रही है। 21वीं सदी में महिलाओं ने अपना परचम लहराना शुरू किया। सरकार की विभिन्न योजनाओं के बाद यहां लिंग अनुपात में सुधार होता दिख रहा है। सरकार की विभिन्न योजनाओं के बाद यहां लिंग अनुपात में सुधार होता दिख रहा है तो महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले बढ़ती चली जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी बीते कुछ वर्षों से लड़कियों ने लड़कों को पूरी तरह से पछाड़ा है। बहरहाल, कुल्लू की लड़कियों ने अपनी काबिलियत के दम पर जिला का नाम चमकाया है।