छूने का एहसास कराएगी कृत्रिम चमड़ी

स्पर्श का अनुभव कर सकने वाले कृत्रिम अंग बनाने की दिशा में वैज्ञानिकों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा की मदद से स्पर्श का अनुभव कर सकने वाली इलेक्ट्रॉनिक त्वचा बनाने का तरीका खोज निकाला है। दुनियाभर में वैज्ञानिकों के दल इस तरह की कृत्रिम त्वचा बनाने के शोध में जुटे हैं, जिससे मानव त्वचा की ही तरह स्पर्श का अनुभव किया जा सके। इस त्वचा में मानव शरीर की तरह ही संवेदना अनुभव करने वाली संरचनाएं होती हैं। इन्हें काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। त्वचा जैसी इस महीन झिल्ली को ऊर्जा देना वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती रहा है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के वैज्ञानिकों ने इस परेशानी का हल खोज निकाला है। उन्होंने इस त्वचा में ग्रेफीन की मदद से सूर्य के प्रकाश का प्रयोग कर ऊर्जा उत्पन्न करने का तरीका ईजाद किया है। ग्रेफीन कार्बन का ही एक प्रकार होता है। इसकी एक परमाणु जितनी पतली, लचीली और मजबूत परत तैयार की जा सकती है। एक परमाणु की मोटाई मनुष्य के बाल से भी कई हजार गुना कम होती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कृत्रिम हाथ या पैर पहले से ही मनुष्य के वास्तविक अंगों से मिलते-जुलते कई काम करने में सक्षम हैं।