टायरिंग सीजन शुरू, विभाग के पास फूटी कौड़ी तक नहीं

By: Mar 14th, 2017 12:05 am

सोलन  – गर्मियों का सीजन शुरू होने वाला है और लोक निर्माण विभाग के पास सड़कों की टायरिंग व पैचवर्क के लिए फूटी कौड़ी तक नहीं है। बीते दिनों हुई बारिश की वजह से जिला में अधिकतर सड़कों की हालत बेहद खस्ता है। ऐसे में यदि इन सड़कों की टायरिंग नहीं की गई तो वाहन चालकों की दिक्कतें और अधिक बड़ सकती हैं। वहीं विभाग का कहना है कि सड़कों की टायरिंग व पैचवर्क के लिए बजट की मांग की गई है। जानकारी के अनुसार जिला भर में लोक निर्माण विभाग के अधीन करीब 150 मुख्य व संपर्क मार्ग हैं। इनमें से 100 से अधिक सड़कें ऐसी है, जिनकी हालत खस्ता है। इन सड़कों की टायरिंग व पैचवर्क  बीते कई माह से नहीं हो पाया है। इस वर्ष सर्दियों के दिनों में जमकर बारिश हुई है। बारिश होने की वजह से सड़कों की हालत काफी अधिक खस्ता है। सड़कों में गहरे   गड्ढे होने की वजह से वाहन चालकों की दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है। विशेष रूप से  दोपहिया  वाहन चालकों के लिए इन सड़कों से होकर गुजरना किसी खतरे से खाली नहीं है। सबसे अधिक खस्ता हालत सोलन से सुबाथू-कुनिहार मार्ग की है। सड़क में इतने अधिक गड्ढे हैं कि इस मार्ग से होकर गुजरने वाले वाहन खटारा बन गए हैं। इसी प्रकार सोलन-जौणाजी मार्ग की हालत भी बेहद खस्ता है। धर्मपुर-कसौली, धर्मपुर, गढ़खल, चंबाघाट, कंडाघाट वाया बसाल मार्ग की हालत आए दिन खस्ता होती जा रही है। यह क्षेत्र में पर्यटकों का सबसे अधिक आना-जाना लगा रहता है। सड़क की हालत दयनीय होने की वजह से पर्यटन व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। इसी प्रकार कंडाघाट-चायल मार्ग भी खस्ता हालत में है, जिसके कारण पर्यटन व्यवसाय काफी प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा अर्की, कसौली, नालागढ़ व बद्दी क्षेत्र में भी सड़कों की खस्ता हालत किसी से छिपी नहीं है। आमतौर पर सड़कों की टायरिंग व पैचवर्क के लिए दिसंबर माह तक लोक निर्माण विभाग बजट मिल जाता है, लेकिन इस वर्ष सरकार टायरिंग व पैचवर्क के लिए बजट देना ही भूल गई। अभी तक लोक निर्माण विभाग के पास सड़कों की टायरिंग के लिए एक भी पैसा नहीं है। टायरिंग का कार्य गर्मियों में शुरू किया जाता है। गर्मियों का सीजन शुरू होने वाला है। अब तक टायरिंग के टेंडर हो जाने चाहिए थे, ताकि मौसम ठीक होेते ही काम शुरू किया जा सके। यदि देरी से बजट आता है तो सड़कों की टायरिंग समय पर पूरा कर पाना मुश्किल हो जाएगा। जून माह के दूसरे सप्ताह में मानसून आ जाता है, जिसके बाद टायरिंग नहीं हो पाती है। कुल मिलाकर विभाग के पास टायरिंग के लिए मात्र तीन माह का समय होता है।


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