त्याग-शौर्य के प्रतीक हैं भगवान श्री कृष्ण

सोलन —  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का आज सोलन में पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। वह सोलन में जौणाजी रोड पर श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर की आधारशिला रखने पहुंचे थे। उन्होंने श्री जयकृष्णी पंथ समाज की सर्वज्ञा प्रतिष्ठान पदयात्रा में भी भाग लिया। यह यात्रा महाराष्ट्र से होकर पैदल मार्ग से सपरून (सोलन) पहुंची थी। पर्यटन विकास निगम के निदेशक मंडल के सदस्य सुरेंद्र सेठी व लायन राजीव कोहली के नेतृत्व में पंथ से जुड़े सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस यात्रा में बहुत संख्या में संत-महात्मा भी शामिल थे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोलन मालरोड पर आयोजित एक सादे धार्मिक समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण भगवान प्रेम, त्याग व शौर्य का प्रतीक है। हिमाचल प्रदेश देवी-देवताओं की भूमि है तथा श्रीकृष्ण यहां के प्रेरणा स्त्रोत है।गौर हो कि सोलन में जयकृष्णी पंथ समाज से जुड़े लोगों ने 16 अगस्त, 2006 को एक बैठक का आयोजन करके एक ट्रस्ट की स्थापना की तथा उसका नाम श्रीकृष्ण वृद्ध आश्रम रखा गया। पहले यह किराए के भवन में चलाया गया, किंतु बाद में एक छोटे भवन को खरीद कर पंथ की गतिविधियों को संचालित किया जाने लगा। अब सरकार से भूमि मिलने के बाद एक भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त हो गया।

जल्द पूरा करो मिनी सचिवालय का काम

सीएम वीरभद्र सिंह ने बाइपास पर बन रहे मिनी सचिवालय का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लोक निर्माण विभाग व प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि जल्द से जल्द मिनी सचिवालय के कार्य को पूरा किया जाए। मिनी सचिवालय का कार्य लगभग पूरा हो चुका हैं। केवल दस प्रतिशत कार्य ही शेष रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि आचार संहिता लगने से पहले इस भवन को लोकार्पण किया जा सकता है। इस भवन के निर्माण पर करीब पांच करोड़ रुपए से अधिक बजट खर्च हो चुका है। उपायुक्त कार्यालय से सभी विभाग को यहां पर शिफ्ट किया जा रहा है। नए भवन में पार्किंग की सुविधा भी मुहैया करवाई गई है।