नगर परिषद नालागढ़ में स्टाफ की कमी

नालागढ़ – नगर परिषद नालागढ़ में विभिन्न पद रिक्त होने से परिषद का कामकाज प्रभावित हो रहा है। वर्ष 1951 की सबसे पुरानी नगर परिषदों में शुमार नगर परिषद नालागढ़ में स्वीकृत 61 पदों में से कई पद खाली चले हुए हैं। बताते हैं कि इनमें ईओ तक के महत्त्वपूर्ण पद खाली हैं और ईओ का कार्यभार नगर परिषद परवाणू के ईओ के पास है। जानकारी के अनुसार वर्ष 1951 में अस्तित्व में आई नगर परिषद नालागढ़ ने कई उतार-चढ़ाव देखे और यहां कई अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। लेकिन मौजूदा समय में यहां पर स्वीकृत 61 पदों में से 28 पद रिक्त चले हुए हैं, जबकि परिषद में मौजूदा समय में 33 पद ही भरे हुए है। इनमें ईओ का एक, स्टेटिकल असिस्टेंट एक, जूनियर असिस्टेंट एक, सेनेटरी सुपरवाइजर एक, अड्डा मुहर्रर दो, चपरासी दो, बेलदार चार, सेनेटरी एक, सफाई कर्मचारी 11, मैसन का एक पद खाली चला हुआ है। नालागढ़ में करीब बीस से तीस हजार की आबादी है। गौरतलब है कि वर्ष 2003 में प्रदेश को मिले औद्योगिक पैकेज के बाद जहां बीबीएन में रिकार्ड औद्योगिकीकरण हुआ है, वहीं इससे नालागढ़ क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। नालागढ़ शहर की दिनोंदिन आबादी बढ़ती गई और यहां पर बाहर से आए लोगों ने भी शरण ली है, जिससे जनसंख्या में इजाफा हुआ है, वहीं नगर परिषद का कार्य भी बढ़ा है। चाहे बात सफाई की हो या फिर नगर परिषद में विकास कार्यों की व अन्य, परिषद के कार्यक्षेत्र में इजाफा हुआ है। ऐसे में परिषद के रिक्त चल रहे इन पदों से विकास कार्य प्रभावित होना स्वाभाविक ही है। शहर की आबादी बढ़ने के अनुरूप शहर में साफ-सफाई व्यवस्था भी प्रभावित होती है, क्योंकि परिषद के पास सफाई कर्मचारियों का भी अभाव है, वहीं परिषद ठेकेदार से भी सफाई कार्य करवा रही है। बता दें कि परिषद के ईओ पद का कार्यभार परवाणू नगर  परिषद के ईओ को दिया हुआ है, जबकि कई महत्त्वपूर्ण खाली चले हुए है। ऐसे में परिषद का कामकाज प्रभावित होना स्वभाविक है और मौजूदा कर्मचारियों पर अधिक बोझ पड़ रहा है। नगर परिषद नालागढ़ के कार्यवाहक ईओ सुधीर शर्मा ने कहा कि परिषद में रिक्त पदों की सूचना समय समय पर विभाग को प्रेषित की जाती है।